एल्गार परिषद मामला: एनआईए ने उच्च न्यायालय में पुणे की अदालत के कदम का बचाव किया

By भाषा | Updated: August 2, 2021 19:14 IST2021-08-02T19:14:37+5:302021-08-02T19:14:37+5:30

Elgar Parishad case: NIA defends Pune court's move in High Court | एल्गार परिषद मामला: एनआईए ने उच्च न्यायालय में पुणे की अदालत के कदम का बचाव किया

एल्गार परिषद मामला: एनआईए ने उच्च न्यायालय में पुणे की अदालत के कदम का बचाव किया

मुंबई, दो अगस्त राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि 2018 के एल्गार परिषद मामले में वकील सुधा भारद्वाज एवं अन्य के खिलाफ पुणे की सत्र अदालत द्वारा आरोपपत्र का संज्ञान लेने के कदम से आरोपियों के अधिकारों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा।

एनआईए की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल सिंह ने उच्च न्यायालय को बताया कि एनआईए ने इस मामले को जनवरी 2020 को अपने हाथ में लिया, ऐसे में सत्र अदालत का पुणे पुलिस द्वारा दाखिल आरोपपत्र का संज्ञान लेने और भारद्वाज एवं अन्य को हिरासत में भेजने के कदम में कुछ भी गलत नहीं था।

सिंह ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमदार की पीठ के समक्ष ये दलील दी, जोकि भारद्वाज की निश्चित समय-सीमा के भीतर जांच पूरी नहीं किये जाने के आधार पर जमानत के अनुरोध वाली अर्जी पर सुनवायी कर रही थी।

भारद्वाज ने वरिष्ठ वकील युग चौधरी के जरिये दायर याचिका में कहा कि 2018 में उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें हिरासत में भेजने का आदेश देने वाले और इस मामले में पुणे पुलिस द्वारा दाखिल आरोपपत्र का संज्ञान लेने वाले न्यायाधीश के डी वडाने ने खुद के नामित विशेष न्यायाधीश होने का दिखावा किया।

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Web Title: Elgar Parishad case: NIA defends Pune court's move in High Court

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