साल 2021 में इन पाँच राज्यों में होगा चुनाव, पश्चिम बंगाल में बीजेपी के प्रदर्शन पर होगी सबकी नजर
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 1, 2021 07:27 PM2021-01-01T19:27:12+5:302021-01-01T19:35:52+5:30
2021 में विधानसभा चुनावः पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुड्डचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं. बंगाल चुनाव में सीएम ममता के सामने बीजेपी मैदान में है.
नई दिल्लीः 2021 भारतीय राजनीति के लिहाज से भी महत्वपूर्ण रहेगा. पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुड्डचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं.
भाजपा पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की मुखिया तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गढ़ को भेदना चाहती है तो वह केरल में जड़ें फैलाकर दक्षिण भारत में अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास करेगी. असम में उसके सामने दुबारा सत्ता में आने की चुनौती है, तो कांग्रेस के लिए सत्ता में वापसी की राह कठिन दिखाई दे रही है. केरल में भी कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन को वामपंथी मोर्चे को लगातार दूसरी बार सत्ता में आने से रोकने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी.
एक नजर इन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों परः
प. बंगाल
अगर 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम को भाजपा दोहरा सकी तो वह सत्ता के लिए ममता बनर्जी के लिए कड़ी चुनौती साबित होगी. नंबर दो पर रहने वाली कांग्रेस शायद अपना स्थान कायम न रख सके. यहां वामपंथी और कांग्रेस का गठजोड़ दूर-दूर तक सत्ता की दौड़ में दिखाई नहीं दे रहा है.
तमिलनाडु
यहां भाजपा सत्ता की दौड़ में नहीं है. अगर उसका सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक से गठजोड़ हो जाए तो उसे कुछ सीटें मिल सकती हैं. सुपरस्टार रजनीकांत बीमारी के चलते राजनीति से बाहर हो चुके हैं. मुकाबला द्रमुक तथा अन्नाद्रमुक के बीच ही है. एक ओर सुपरस्टार कमल हासन की पार्टी भी शायद ही कुछ असर दिखा सके. इस बार का चुनाव जयललिता तथा करुणानिधि जैसे दिग्गजों के बिना होगा.
केरल
हाल के स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजे कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन के लिए शुभ संकेत नहीं हैं. यदि यही रूझान कायम रहा तो वामपंथी मोर्चा लगातार दूसरी बार सत्ता में आएगा. इसके साथ ही केरल में हर चुनाव में सत्ता परिवर्तन का रिकार्ड टूट जाए तो आश्चर्य नहीं. भाजपा का प्रदर्शन भी स्थानीय निकाय चुनाव में संतोषजनक रहा लेकिन केरल में उसके लिए दिल्ली अभी दूर है.
असम
असम में भाजपा, कांग्रेस-ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के संभावित गठबंधन के बीच सत्ता के लिए जोर-आजमाइश होगी. असम गण परिषद की अब इतनी ताकत नहीं रही कि वह सत्ता की प्रबल दावेदार बन सके. पिछले चुनाव में भाजपा ने शानदार सफलता हासिल की थी.
बोडोलैंड पीपल्स दर्जन भर सीटों पर झंडा फहरा सकता है. पिछली बार की तरह अगर उसने भाजपा से हाथ नहीं मिलाया तो ‘कमल’ को खिलने में दिक्कत आ सकती है. हाल ही में कांग्रेस ने युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के साथ मिलकर बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल तथा लिवा ऑटोनामस काउंसिल के चुनाव लड़े थे, मगर उसे निराशा हाथ लगी.
पुड्डुचेरी
इस छोटे से केंद्रशासित प्रदेश में अन्नाद्रमुक तथा कांग्रेस के बीच मुकाबला रहेगा. भाजपा यहां भी सत्ता की दावेदार नहीं है. पिछला विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने द्रमुक के साथ मिलकर जीता था. पूर्व कांग्रेसी एन. रंगास्वामी की एआईएनआरसी से कांग्रेस को कठिनाई हो सकती है. पिछले चुनाव में उसे 28.1 प्र.श. वोट मिले थे और अन्नाद्रमुक तीसरे स्थान पर थी. भाजपा को महज 2.4 प्र.श. वोट मिले थे.