Election Results 2023: त्रिपुरा में भाजपा 39 और नगालैंड में एनडीए 40 सीट आगे, जानें मेघालय का हाल
By सतीश कुमार सिंह | Published: March 2, 2023 08:43 AM2023-03-02T08:43:25+5:302023-03-02T08:44:20+5:30
Election Results 2023: त्रिपुरा और नगालैंड में भाजपा नीत एनडीए आगे है। रुझानों में मेघालय में एनपीपी आगे है। त्रिपुरा में भाजपा 60 में से 39 सीट पर आगे हैं।
Election Results 2023: पूर्वोत्तर के तीन राज्य त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में मतगणना जारी है। हर राज्य में 60-60 सीट हैं। बहुमत के लिए 31 सीट की जरूरत है। हालांकि मेघालय और नगालैंड में 59-59 सीट पर मतदान हुआ था। भाजपा, कांग्रेस और वाम दलों में टक्कर है।
त्रिपुरा और नगालैंड में भाजपा नीत एनडीए आगे है। रुझानों में मेघालय में एनपीपी आगे है। त्रिपुरा में भाजपा 60 में से 39 सीट पर आगे हैं। नगालैंड की 59 सीट पर एनडीए गठबंधन 40 सीट पर आगे है। मेघालय में एनपीपी सबसे आगे है। यहां पर भाजपा और कांग्रेस टक्कर दे रहे हैं।
Counting of votes for #MeghalayaElections2023 underway; visuals from counting centre at Extension Training Centre in Tura pic.twitter.com/gteTnGBn3y
— ANI (@ANI) March 2, 2023
मेघालय की 59 विधानसभा सीट के लिए मतगणना शुरू हो गई है। त्रिपुरा की 60 विधानसभा सीट और नगालैंड की 59 विधानसभा सीट के लिए मतगणना शुरू हुई है। त्रिपुरा में 16 फरवरी को मेघालय और नगालैंड में 27 फरवरी को मतदान हुआ था।
पूर्वोत्तर के तीन चुनावी राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए काफी कुछ दांव पर लगा हुआ है। नगालैंड में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) और मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की सरकार है। भाजपा ने 2018 में वाम दलों से उनके गढ़ त्रिपुरा को छीन ली थी।
Nagaland | The counting of votes for the #NagalandAssemblyElections2023 will begin at 8 am; Visuals from counting centre at Deputy Commissioner's office in Kohima pic.twitter.com/XdT0sWc4e9
— ANI (@ANI) March 2, 2023
भाजपा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि क्योंकि पारंपरिक प्रतिद्वंद्वियों कांग्रेस और वाम दलों ने राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में भाजपा को चुनौती देने के लिए पहली बार हाथ मिलाया है। राष्ट्रीय दलों के बीच इस लड़ाई में प्रद्योत देबबर्मा के नेतृत्व वाला तीपरा मोथा भी है जो एक प्रदेश की राजनीति में एक प्रभावी ताकत के रूप में उभरा है।
इसके संस्थापक देबबर्मा पूर्ववर्ती शाही परिवार के वंशज हैं और राज्य की जनजातीय आबादी में उनका खासा प्रभाव माना जाता है। पिछले चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने जनजातीय क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया था। पिछली बार के चुनाव में भाजपा ने 36 और आईपीएफटी ने आठ सीटें जीती थीं।