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प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली-एनसीअर में कई जगह छापे मारे, ‘बाइक बोट’ घोटाले में एक व्यक्ति को किया गिरफ्तार

By भाषा | Updated: December 20, 2020 23:17 IST

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नयी दिल्ली, 20 दिसम्बर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के दो मामलों की अपनी जांच के सिलसिले में रविवार को दिल्ली-एनसीआर में कई जगह छापे मारे और नोएडा ‘बाइक बोट’ पोंजी योजना मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया।

अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लखनऊ जोन के अधिकारियों द्वारा दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और हापुड़ में छह स्थानों पर छापे मारे गए।

ईडी के संयुक्त निदेशक (लखनऊ जोन) राजेश्वर सिंह ने दो मामलों - ‘बाइक बोट’ मामले और रियल एस्टेट कंपनी आम्रपाली समूह के खिलाफ धनशोधन- की जांच में छापेमारी की पुष्टि की।

एजेंसी ने कहा कि पहले मामले में उसने चार परिसरों पर छापेमारी की और एफ7 ब्रॉडकास्ट प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक मनोज त्यागी को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया जिसकी भूमिका ‘बाइक बोट’ मामले में जांच के घेरे में है जो कि उसकी प्रमोटर कंपनी गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड से जुड़ी है।

एजेंसी ने इसी मामले में साहा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर एवं निदेशक अनिल कुमार साहा से जुड़े परिसरों पर भी छापेमारी की।

ईडी ने कहा, ‘‘पाया गया है कि दोनों कंपनियों को बाइक बोट निवेशकों से रियल एस्टेट एवं अन्य में निवेश के लिए एकत्रित धन में से करोड़ों रुपये प्राप्त हुए, वह भी बिना किसी उचित समझौते या प्रलेखन के।’’

ईडी ने कहा, ‘‘छापे के दौरान कई संबंधित दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और 9.5 लाख रुपये नकद जब्त किए गए।’’

अधिकारियों ने कहा कि त्यागी को हिरासत में लेने के लिए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सोमवार को लखनऊ में एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया जाएगा।

ईडी आरोप लगाया, ‘‘त्यागी इस मामले के मुख्य आरोपियों में से एक विजेंद्र सिंह हुड्डा का करीबी सहयोगी है, और उसे करोड़ों रुपये के वित्तीय लेनदेन में सुविधा पहुंचाने और मामले से जुड़े भौतिक तथ्यों को छिपाने तथा एजेंसी को गुमराह करने के लिए गिरफ्तार किया गया है।’’

एजेंसी ने दावा किया कि लगभग 13.41 करोड़ रुपये की राशि ‘‘बाइक बोट’’ से संबंधित विभिन्न कंपनियों से एफ7 ब्रॉडकास्ट को स्थानांतरित की गई।’’

ईडी ने दावा किया, ‘‘इसके अलावा, विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों और ट्रस्टों से लगभग 2.63 करोड़ रुपये इस कंपनी को हस्तांतरित किए गए। पाया गया कि राशि बाइक बोट निवेशकों की राशि से हस्तांतरित की गई।’’

इसने कहा, ‘‘बाइक बोट घोटाले के मास्टरमाइंड संजय भाटी ने अपनी पूछताछ के दौरान त्यागी का नाम भी लिया था जिसे वित्तीय लेनदेन के लिए उसके द्वारा हस्ताक्षरित बैकडेट चेक मिले थे।’’

ईडी ने आरोप लगाया, ‘‘जांच के दौरान पता चला कि त्यागी हुड्डा के लगातार संपर्क में था और वह उसके निर्देश पर काम कर रहा था, लेकिन ईडी की पूछताछ के दौरान यह छिपाया था।’’

ग्रेटर नोएडा मुख्यालय वाली बाइक बोट टैक्सी सेवा पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा सहित कई राज्यों में 2.25 लाख निवेशकों से 3,000 से 4,000 करोड़ रुपये ठगने का आरोप है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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