राज ठाकरे को ईडी का नोटिस: मनसे ने लगाया ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ का आरोप, भाजपा का इनकार

By भाषा | Published: August 20, 2019 05:55 AM2019-08-20T05:55:15+5:302019-08-20T05:55:15+5:30

वर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में मनसे प्रमुख राज ठाकरे को नोटिस जारी किया है। इस पर पार्टी ने आरोप लगाया कि ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ के चलते यह कार्रवाई की गई।

ED notice to Raj Thackeray: MNS alleges 'political vendetta', BJP denies | राज ठाकरे को ईडी का नोटिस: मनसे ने लगाया ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ का आरोप, भाजपा का इनकार

राज ठाकरे को ईडी का नोटिस: मनसे ने लगाया ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ का आरोप, भाजपा का इनकार

मुंबई, 19 अगस्तः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में मनसे प्रमुख राज ठाकरे को नोटिस जारी किया है। इस पर पार्टी ने आरोप लगाया कि ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ के चलते यह कार्रवाई की गई। मनसे प्रमुख की सोनिया गांधी और ममता बनर्जी जैसी विपक्षी नेताओं से मुलाकात के कुछ दिनों बाद यह घटनाक्रम हुआ है। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की जगह मत पत्रों (बैलेट पेपर) से चुनाव कराने की ठाकरे की मांग के सिलसिले में यह मुलाकात हुई थी।

मनसे ने मुद्दे पर चर्चा के लिए मंगलवार को मुंबई में पार्टी पदाधिकारियों की एक बैठक बुलाई है। ईडी ने ‘आईएल एंड एफएस’ घोटाले से जुड़ी जांच के सिलसिले में ठाकरे और पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना के वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी के बेटे उन्मेश जोशी को तलब किया है। अधिकारियों ने बताया कि ठाकरे को 22 अगस्त को एजेंसी के मुंबई स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में मामले के जांच अधिकारी (आईओ) के समक्ष 22 अगस्त को पेश होने को कहा गया है।

उन्मेश जोशी ने सोमवार को यहां केंद्रीय एजेंसी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। जांच एजेंसी ‘आईएल एंड एफएस’ समूह के कर्ज से उन्मेश जोशी प्रवर्तित कंपनी कोहिनूर सीटीएनएल के शेयरों में निवेश के मामले में ठाकरे की संलिप्तता की जांच कर रही है। यह कंपनी मुंबई में कोहिनूर स्कवायर टावर का निर्माण कर रही है। आईएल एंड एफएस समूह के कर्ज से उन्मेश जोशी प्रवर्तित कंपनी कोहिनूर सीटीएनएल के शेयरों में 450 करोड़ रूपये से अधिक के निवेश के मामले में ईडी ठाकरे की संलिप्तता की जांच कर रहा है।

कोहिनूर सीटीएनएल की शेयरहोल्डिंग पद्धति भी ईडी की जांच के दायरे में है। कोहिनूर मिल नंबर तीन को 421 करोड़ रूपये में खरीदने के लिए इस कंपनी की स्थापना जोशी, ठाकरे और एक करीबी सहयोगी, एवं रियल एस्टेट बिल्डर राजन शिरोदकर की भागीदारी वाली एक टीम ने की थी। मीडिया में आई एक खबर के मुताबिक आईएल एंड एफएस ने 2003 में इक्विटी के जरिये 225 करोड़ रूपये इसमें डाले थे। वर्ष 2008 में उसने इसके शेयर वापस कंपनी को सिर्फ 90 करोड़ रूपये में बेच दिये, इस तरह 135 करोड़ रूपये का बुकिंग नुकसान हुआ। उसी वर्ष ठाकरे अपना हिस्सा बेचकर टीम से निकल गये।

बाद में, ‘आईएल एंड एफएस’ ने कोहिनूर सीटीएनएल को 135 करोड़ रूपये का कर्ज दिया, जिसे आगे चल कर कंपनी चुका नहीं पाई। ऐसा माना जा रहा है कि ईडी समूचे लेन-देन की जांच करना चाहता है और इसलिए दोनों लोगों (ठाकरे और उन्मेश) को तलब किया गया। ईडी के नोटिस का मजाक उड़ाते हुए राज ठाकरे की पत्नी शर्मिला ने कहा, ‘‘हम इस तरह के ‘प्रेम पत्र’ पाने के अभ्यस्त हो गये हैं।’’

मनसे के प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘इस साल की शुरूआत में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राज ठाकरे ने सनसनी फैला दी थी। इसका लोगों पर काफी असर पड़ा था और अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह की चुनौती से बचने के लिए, ईडी ने उन्हें नोटिस जारी किया है।’’ उन्होंने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा, ‘‘यह राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है।’’

वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि मनसे प्रमुख ने यदि कुछ गलत नहीं किया है तो उन्हें चिंता करने की क्या जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ ईडी स्वतंत्र रूप से काम करता है और इससे (राज को भेजे नोटिस से) हमारा कोई लेना देना नहीं है। यदि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है तो उन्हें इस तरह के नोटिस से नहीं डरना चाहिए।’’ उन्होंने मनसे को चेतावनी दी कि यदि उसने प्रदर्शन कर आम लोगों के लिए असुविधा पैदा की तो उसे इसके ‘‘अंजाम’’ भुगतने होंगे।

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने भी मनसे के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि ठाकरे ने यदि कुछ गलत नहीं किया है तो उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। नोटिस किसी राजनीतिक कारण को लेकर जारी नहीं किया गया है। इस बीच, उन्मेश जोशी ने ईडी कार्यालय में प्रवेश करने के दौरान मीडिया से कहा, ‘‘मुझे एक नोटिस मिला है और ईडी अधिकारियों से मिलने आया हूं।

ईडी ने मुझे कोई प्रश्नावली नहीं भेजी है। मैं उनसे सहयोग करूंगा।’’ उन्होंने कहा कि वह इस बात से वाकिफ नहीं हैं कि क्या इसी तरह का कोई नोटिस राज ठाकरे को भी भेजा गया है। जांच एजेंसी ने इस साल फरवरी में धन शोधन का एक मामला दर्ज किया था। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर यह कदम उठाया गया था।

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