लॉकडाउन में श्रमिक ट्रेन से घर जाते प्रवासी की मौत, 8 घंटे से ज्यादा शव के साथ लोगों ने किया सफर

By प्रिया कुमारी | Published: June 1, 2020 02:51 PM2020-06-01T14:51:46+5:302020-06-01T14:51:46+5:30

राजस्थान से बंगाल जा रहे है श्रमिक ट्रेन में सवार 50 वर्षिय एक प्रवासी की बीच रास्ते में ही मौत हो गई। मौत के बाद लोगों नें 8 घंटे से भी ज्यादा समय तक शव के साथ सफर किया, लोग काफी दहशत में थे।

during lockdown migrant going home by train Death on the way people traveled with dead bodies | लॉकडाउन में श्रमिक ट्रेन से घर जाते प्रवासी की मौत, 8 घंटे से ज्यादा शव के साथ लोगों ने किया सफर

लॉकडाउन में श्रमिक ट्रेन से घर जाते प्रवासी की मौत (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsराजस्थान से बंगाल जा रहे है श्रमिक ट्रेन में सवार 50 साल के एक प्रवासी की बीच रास्ते मौतमौत के बाद लगभग 8 घंटे से भी ज्यादा लोगों ने शव के साथ किया सफर

लॉकडाउन में घर जा रहे प्रवासी मजदूर की दर्दनाक तस्वीरें आए दिन सोशल मीडिया पर देखने को मिलती है। इसी बीच एक और घटना ने प्रशासन की तैयारियों को लेकर सवाल खड़े कर दिये हैं। दरअसल, राजस्थान से बंगाल श्रमिक ट्रेन में सवार होकर जा रहे 50 वर्षीय एक प्रवासी की बीच रास्ते में मौत हो गई, जिसके बाद वहां बैठे लोगों के बीच दहशत फैल गई। मौत के बाद लगभग 8 घंटे से भी ज्यादा लोगों ने शव के साथ सफर किया। पुलिस ने बताया कि शख्स हरिश्चंद्रपुर का रहने वाला बुद्ध परिहार राजस्थान के बीकानेर में एक होटल में काम करता था।

शख्स के साथ उसका रिश्तेदार सरजू दास भी उसी के साथ काम करता था। वह करीब 20 साल से काम करता था, लॉकडाउन के कारण काम बंद हो गया, जिसके बाद घर जाने के लिए 29 मई को सुबह 11 बजे की ट्रेन पर चढ़ा और  रास्ते में ही सुबह 10 बजे मुगलसराय के पास मौत हो गई। मौत के बाद लोगों में इस बात की दहशत फैल गई कि कही वह कोरोना संक्रमित तो नहीं। जब ट्रेन मालदा पहुंची तो शव को गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) को सौंप दिया गया।  एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाद में यह विषय इंग्लिशबाजार पुलिस थाने को सौंप दिया गया, जिसने घटना की जांच शुरू कर दी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए मालदा भेज दिया गया है। 

मृतक के रिश्तेदार ने बताया कि हम एक साथ एक ही होटल में काम किया करते थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद हमारे काम छिन गए। हमारे पास पैसे भी नही थे। हमने कई बार घर लौटने की कोशिश की लेकिन हमेशा नाकामयाब रहे, 29 मई को किसी तरह श्रमिक ट्रेन में सवार हो गए। लेकिन संदिग्ध परिस्थियों में मेरे साथी की मौत हो गई। दास की भी कोरोना जांच कराई जाएगी। 

Web Title: during lockdown migrant going home by train Death on the way people traveled with dead bodies

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