फिल्मों की शानदार सफलता या निराशाजनक असफलताओं से नहीं होता प्रभावित : पृथ्वीराज सुकुमारन
By भाषा | Updated: November 8, 2021 14:19 IST2021-11-08T14:19:02+5:302021-11-08T14:19:02+5:30

फिल्मों की शानदार सफलता या निराशाजनक असफलताओं से नहीं होता प्रभावित : पृथ्वीराज सुकुमारन
मुंबई, आठ नवंबर दक्षिण भारतीय फिल्म अभिनेता पृथ्वीराज सुकुमारन का मानना है कि अपनी निजी जिंदगी को व्यावसायिक जीवन से अलग रखने की कला के कारण ही उन्हें अपने करियर के उतार-चढ़ाव का आसानी से सामना करने में मदद मिली है।
अपने करियर की 2002 में शुरुआत करने वाले पृथ्वीराज अब तक 100 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं । अभिनेता का कहना है कि प्रत्येक फिल्म पूरी होने के बाद एक ब्रेक लेना काफी महत्वपूर्ण होता है ताकि फिल्म की सफलता अथवा असफलता के प्रभाव से अपनी निजी जिंदगी को अलग रखने में मदद मिले।
पृथ्वीराज ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, “मैं अपनी फिल्मों के व्यावसायिक भविष्य तथा अन्य प्रभावों से खुद को अलग रखता हूं। जब मैं किसी फिल्म में काम करता हूं, तो मैं अपनी 100 प्रतिशत क्षमता से भी अधिक देने की कोशिश करता हूं। ऐसी कोई फिल्म नहीं है जिसे पूरा करने के बाद मुझे महसूस हुआ हो कि मैंने इसमें अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दिया है।”
अभिनेता ने कहा, “लेकिन, मैं जैसे ही किसी फिल्म का काम पूरा कर लेता हूं, मैं मानसिक रूप से खुद को उससे अलग करने की कोशिश में जुट जाता हूं। यदि मेरी कोई फिल्म शानदार सफलता हासिल करती है या निराशाजनक रूप से विफल होती है तो यह मुझे प्रभावित नहीं करेगी।”
पृथ्वीराज ने अपने पूरे करियर में कई सफल फिल्मों में काम किया है। करियर के शुरुआती दौर में ‘क्लासमेट्स’ (2006), ‘अयालुम नजनम थमिल’, ‘सेल्युलॉइड’ जैसी हिट फिल्मों में काम करने वाले अभिनेता ने पिछले दशक में ‘एन्नु निन्ते मोइदीन’ और ‘एजरा’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के जरिए शानदार कामयाबी हासिल करने का सिलसिला जारी रखा है।
पृथ्वीराज (39) ने ‘लूसिफ़र’ जैसी फिल्म का निर्देशन भी किया है, इस फिल्म में दिग्गज अभिनेता मोहनलाल ने अभिनय किया था।
अपने 20 साल लंबे करियर में पृथ्वीराज ने मलयालम, तमिल, हिंदी और तेलुगू फिल्मों में भी काम किया है।
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