सोमनाथ दा ने निभाया वादा, शरीर और आंखें दान कीं
By भाषा | Published: August 15, 2018 03:03 AM2018-08-15T03:03:54+5:302018-08-15T03:06:31+5:30
सोमनाथ दा ने सालों पहले एक वादा किया था और वह जाने से पहले यह सुनिश्चित कर गए थे कि उनकी मौत के बाद भी यह वादा निभाया जाए।
कोलकाता, 15 अगस्त : सोमनाथ दा ने सालों पहले एक वादा किया था और वह जाने से पहले यह सुनिश्चित कर गए थे कि उनकी मौत के बाद भी यह वादा निभाया जाए।
अपने मार्गदर्शक और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु की तरह ही सोमनाथ दा ने साल 2000 के शुरूआती दिनों में ही अपने शरीर को दान करने की प्रतिबद्धता जतायी थी।उस समय उनकी उम्र 73 साल थी। ज्योति बसु का 2010 में निधन हुआ था। उनकी उम्र तब 95 साल थी।
अब चिकित्सा छात्र लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के पार्थिव शरीर का सदुपयोग शिक्षा उद्देश्यों के लिए करेंगे। यहां के एसएसकेएम अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने आज यह जानकारी दी।
चटर्जी का कल सुबह निधन हो गया था। उनके शरीर के प्रमुख अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। उनकी उम्र 89 साल थी।पूर्व वामपंथी नेता का शव उनके परिवार वालों ने कल शाम अस्पताल के शरीर रचना विज्ञान विभाग को दान में दे दिया।
अस्पताल के शरीर रचना विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ असिस घोषाल ने कहा, ‘‘शव को खराब होने से बचाने के लिए उसपर लेप लगाया गया है। उससे पहले प्लास्टिक सर्जरी विभाग के एक सर्जन ने संरक्षित करने के लिए चटर्जी की त्वचा को हटाया। त्वचा से ना केवल चिकित्सा छात्रों को फायदा होगा बल्कि आग से झुलसने वाले लोग भी लाभान्वित होंगे।’’
घोषाल ने कहा कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष का कोर्निया (आंखों का सफेद हिस्सा) प्रियम्वदा बिड़ला अरविंद अस्पताल को दान में दे दिया गया।उन्होंने कहा, ‘‘चटर्जी के शरीर के हर हिस्से का इस्तेमाल शिक्षा एवं अनुसंधान कार्यक्रमों के लिए किया जाएगा। हम उनकी हड्डियों एवं अंगों को नियमों के अनुरूप संरक्षित कर रहे हैं।’’
चटर्जी की बेटी अनुशिला बोस ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि उनके पिता के त्वचा के एक हिस्से को आग से झुलसे एक मरीज के लिए इस्तेमाल में लाया गया है। उन्होंने कहा कि उनके लिए इससे अधिक संतोष की कोई बात नहीं हो सकती है क्योंकि उनके पिता ने अपने जीवन में हमेशा यही चाहा। हालांकि एसएसकेएम के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है।