हरियाणा: कुत्ते के हमले से बुरी तरह घायल हुई थी घरेलू सहायिका, कंज्यूमर फोरम ने नगर निगम को कहा- महिला को दें 2 लाख रुपए का मुआवजा
By आजाद खान | Published: November 16, 2022 11:25 AM2022-11-16T11:25:08+5:302022-11-16T12:01:09+5:30
कंज्यूमर फोरम ने नगर निगम को यह भी कहा है कि मुआवजे के दो लाख रुपए कुत्ते के मालिक से भी वसूली जा सकती है। यही नहीं फोरम द्वारा आरोपी मालिक के लाइसेंस को भी रद्द करने की बात कही गई है।
चंडीगढ़:हरियाणा में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम (कंज्यूमर फोरम) ने कुत्ते की हमले से घायल एक महिला को मुआवजे के तौर पर उसे दो लाख रुपए देने की बात कही है। फोरम ने मंगलवार को गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) को आदेश दिया है कि वे महिला को मुआवजा की राशि दे।
यही नहीं फोरम ने एमसीजी को यह हिदायत दी है कि वे उस कुत्ते को पकड़े और साथ ही कुत्ते के मालिक के लाइसेंस को रद्द करने का भी आदेश दिया है। ऐसे में फोरम ने एमसीजी को तीन महीने के भीतर पालतू कुत्तों को लेकर एक नीति भी तैयार करने को कहा है।
क्या है पूरा मामला
यह घटना हरियाणा के गुरुग्राम में जिलाका है जहां पर इलाके में घरेलू सहायिका के तौर पर काम करने वाली मुन्नी पर एक कुत्ते ने हमला कर दिया था। इस हमले में मुन्नी को गंभीर चोट लगी थी जिस कारण उसे गुरुग्राम के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
इलाज के दौरान ही सिविल अस्पताल ने मुन्नी को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर कर दिया जहां उसकी आगे की इलाज हुई है। मुन्नी के साथ यह घटना तब घटी थी जब वह अपनी भाभी के साथ काम पर जा रही थी।
एफआईआर में कुत्ते के नस्ल को बताया गया ‘पिटबुल’
आपको बता दें कि यह घटना 11 अगस्त को घटी थी जिसके बाद दर्ज एफआईआर में कुत्ते के नस्ल को ‘पिटबुल’ बताया गया था। हालांकि बाद में विनीत चिकारा ने बताया कि कुत्ते का नस्ल ‘डोगो अर्जेंटीनो’ है।
आदेश में कंज्यूमर फोरम ने क्या कहा है
इस घटना को लेकर कंज्यूमर फोरम ने नगर निगम को आदेश देते हुए कहा है कि पीड़ित महिला को दो लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। फोरम ने यह भी कहा है कि नगर निगम इस रकम को आरोपी मालिक विनीत चिकारा से भी वसूल सकती है।
यही नहीं फोरम ने कुत्ते को पकड़ने और आोरपी मालिके के कुत्ते पालने का लाइसेंस को भी रद्द करने को कहा है। इसके साथ फोरम ने 11 विदेशी नस्लों के कुत्ते पर प्रतिबंध लगाने की भी बात कही है। फोरम ने नगर निगम को आदेश देते हुए कहा है कि सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर पशु आश्रयस्थल में रखा जाए।
ऐसे में एमसीजी को निर्देश देते हुए फोरम ने यह भी कहा है कि तीन महीने के भीतर कुत्तों को पालने को लेकर एक नीति तैयार किया जाए।