पाक गोलाबारी के बीच जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद चुनाव, कल मतदान, 352 प्रत्याशी, जानिए आंकड़े
By सुरेश एस डुग्गर | Published: November 27, 2020 05:24 PM2020-11-27T17:24:15+5:302020-11-27T21:24:28+5:30
पहले चरण में 43 सीटों पर मतदान होगा, जिसके लिए 352 उम्मीदवार मैदान में हैं। कल शाम पांच बजे पहले चरण के लिए चुनावी शोर थम गया है।
जम्मूः आतंकी साए और एलओसी पर तेज होती पाक गोलाबारी के बीच जम्मू-कश्मीर में पहली बार हो रहे जिला विकास परिषद के चुनावों के लिए पहले चरण में शनिवार को मतदान होगा।
गुरुवार को श्रीनगर में हुए आतंकी हमले के बाद चुनाव के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाया गया है। पहले चरण में 43 सीटों पर मतदान होगा, जिसके लिए 352 उम्मीदवार मैदान में हैं। कल शाम पांच बजे पहले चरण के लिए चुनावी शोर थम गया है। प्रशासनिक स्तर पर मतदान सफल बनाने के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।
डीडीसी चुनाव के साथ-साथ जम्मू कश्मीर में खाली पड़े सरपंचों और पंचों के चुनाव भी होंगे। पहले चरण के मतदान में 2644 पोलिंग बूथ कायम किए गए हैं, जिनमें 703620 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। सुरक्षाबलों को आशंका है कि आतंकी चुनावों में खलल डालने की फिराक में है और मदान के दौरान हमले हो सकते हैं।
गुरुवार को श्रीनगर के पास सेना के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू कश्मीर में चुनाव के लिए सुरक्षा को और भी मजबूत बना दिया गया है। घाटी में तैनात सुरक्षा एजेंसियों के साथ साथ चुनाव के लिए 249 अधिक सुरक्षा बलों की कंपनियां तैनात की गई है।
जम्मू कश्मीर पुलिस, आर्म्ड पुलिस, सीआरपीएफ के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से पुलिस बल की 165 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती मतदान केंद्रों व इसके आसपास के अलावा उम्मीदवारों को सुरक्षा मुहैया करवाने में कर दी गई है। डीजीपी दिलबाग सिंह के अलावा जम्मू कश्मीर संभागों के पुलिस महानिरीक्षक व जिला स्तर पर एसएसपी सुरक्षा ग्रिड की निगरानी कर रहे हैं।
राज्य चुनाव आयुक्त केके शर्मा के अनुसार जिला विकास परिषद के चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से करवाने के लिए सुरक्षा को पुख्ता बना दिया गया है। 165 अतिरिक्त पुलिस बल की कंपनियों को तैनात किया गया है। 28 नवंबर को सुबह सात से दोपहर दो बजे तक डीडीसी की 43 सीटों पर मतदान होगा।
इन सीटों में 17 सीटें जम्मू संभाग व 26 सीटें कश्मीर संभाग में हैं। पहले चरण के लिए प्रत्याशियों ने बहुत जोर लगाया था। वीरवार को प्रचार का आखिरी दिन रहा और पार्टियों के उम्मीदवारों व नेताओं के अलावा कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क कर समर्थन मांगा।
दरअसल जम्मू कश्मीर में मैदानी इलाकों के साथ-साथ एलओसी पर भी घुसपैठ की फिराक में बैठे घुसपैठियों को रोकने के लिए पूरी एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है जम्मू कश्मीर में स्थानीय चुनावों में सभी राजनीतिक दलों की भागीदारी से यह चुनाव काफी दिलचस्प बन गए हैं और विपक्ष की सभी पार्टियां एक साथ चुनावी मैदान में खड़े हैं और उनका सीधा मुकाबला सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के साथ है।