लाइव न्यूज़ :

राफेल मुद्दे पर संसद की कार्यवाही बाधित करना ढोंग था, सुप्रीम कोर्ट में उचित जवाब मिलाः शाह

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 14, 2019 17:08 IST

शाह ने कहा कि आज का निर्णय, अभी तक फिर से, मोदी सरकार की साख को एक सरकार के रूप में पुन: पुष्टि करता है जो पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त है। गृह मंत्री ने कहा कि राफेल मुद्दे पर संसद की कार्यवाही बाधित करना ढोंग था, सुप्रीम कोर्ट में उचित जवाब मिला।

Open in App
ठळक मुद्देराफेल पर उच्चतम न्यायालय का आदेश कुछ नेताओं के दुर्भावनापूर्ण अभियान का उचित जवाब है।कांग्रेस के नेता फटकार के बाद राष्ट्र से माफी मांगें।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राफेल डील पर समीक्षा याचिका को खारिज करने का SC का निर्णय उन नेताओं और पार्टियों के लिए एक करारा जवाब है, जो दुर्भावनापूर्ण और आधारहीन अभियानों पर भरोसा करते हैं।

शाह ने कहा कि आज का निर्णय, अभी तक फिर से, मोदी सरकार की साख को एक सरकार के रूप में पुन: पुष्टि करता है जो पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त है। गृह मंत्री ने कहा कि राफेल मुद्दे पर संसद की कार्यवाही बाधित करना ढोंग था, सुप्रीम कोर्ट में उचित जवाब मिला। राफेल पर उच्चतम न्यायालय का आदेश कुछ नेताओं के दुर्भावनापूर्ण अभियान का उचित जवाब है। 

अमित शाह ने कहा कि अब, यह साबित हो गया है कि राफेल पर संसद का व्यवधान एक दिखावा था। लोगों के कल्याण के लिए समय का बेहतर उपयोग किया जा सकता था। कांग्रेस के नेता फटकार के बाद राष्ट्र से माफी मांगें।

शाह ने राफेल मामले में पुनर्विचार याचिका खारिज करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को उन ‘दलों एवं नेताओं’ को करारा जवाब करार दिया जो ‘बेबुनियाद एवं दुर्भावनापूर्ण’ अभियान चला रहे थे। शाह ने साथ ही उनसे माफी मांगने की मांग की।

शाह ने अपने ट्वीट में कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले से स्पष्ट हो गया है कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर संसद को बाधित करना शर्मनाक था। उन्होंने कहा, ‘‘ उच्चतम न्यायालय का राफेल मामले में पुनर्विचार याचिका को खारिज करना उन ‘दलों एवं नेताओं’ को करारा जवाब है जो ‘बेबुनियाद एवं दुर्भावनापूर्ण’ अभियान चला रहे थे।’’

गृह मंत्री ने कहा कि गुरूवार का शीर्ष अदालत का फैसला एक बार फिर से नरेन्द्र मोदी सरकार की विश्वसनियता की पुष्टि करता है जो पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार से मुक्त है । अब यह साबित हो गया है कि इस मामले में संसद को बाधित करना शर्मनाक था। उस समय का उपयोग जनकल्याण के लिये किया जाना चाहिए था उन्होंने कहा कि अदालत की फटकार के बाद कांग्रेस और उनके नेताओं को देश से माफी मांगनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने राफेल लड़ाकू विमान सौदा मामले में नरेंद्र मोदी सरकार को बृहस्पतिवार को क्लीन चिट देते हुए कहा कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवायी योग्य नहीं हैं। न्यायालय ने अपने 14 दिसंबर 2018 के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘हमने पाया कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवायी योग्य नहीं हैं।’’ उच्चतम न्यायालय ने राफेल सौदे के संबंध में टिप्पणियों के लिए राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि उन्हें भविष्य में सावधान रहना चाहिए।

टॅग्स :राफेल सौदाअमित शाहनरेंद्र मोदीमोदी सरकारकांग्रेससुप्रीम कोर्टराहुल गांधी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

कारोबारIndiGo Crisis: 7 दिसंबर रात 8 बजे तक सभी यात्रियों को तत्काल पैसा वापस करो?, मोदी सरकार ने दिया आदेश, छूटे हुए सभी सामान अगले 48 घंटों के भीतर पहुंचाओ

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट