'नेताजी' का नाम लेकर मंच पर रोने लगे धर्मेंद्र यादव, बोले- "नेताजी के बाद सपा को चुनौती देने वालों को वोट देकर हराओ"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 21, 2022 04:17 PM2022-11-21T16:17:37+5:302022-11-21T16:23:08+5:30
मैनपुरी उपचुनाव में धर्मेंद्र यादव ने मंच से रोते हुए नेताजी का नाम लेकर जनता से सपा को वोट देने की अपील की। धर्मेंद्र यादव ने रोते हुए कहा कि चुनौती देने वालों को वोट देकर हरा दो। यादव का इशारा स्पष्ट तौर से भाजपा की ओर था।
मैनपुरी: समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी में दिवंगत मुलायम सिंह यादव की लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव पर पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को विजयी बनाने के लिए पूरी तरह से कमर कसकर मैदान में उतर चुकी है। भाजपा से मिल रही कड़ी टक्कर से समाजवादियों के चेहरे पैदा हो रहे तनाव को स्पष्ट तौर पर देखा जा रहा है। यही कारण है कि जसवंत नगर में भतीजे अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव पुराने शिकवे भुलाते हुए भाजपा को चुनौती देते हुए साथ दिखाई दिये।
इस क्रम में सपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता और आजमगढ़ से लोकसभा का उपचुनाव बार चुके धर्मेंद्र यादव ने जनता से रोते हुए अपील कर दी है कि सपा को वोट देकर मैनपुरी में चुनौती बने हुए भाजपा प्रत्याशी रघुराज शाक्य को हरा दें। सपा खेमे में भाजपा को लेकर बेचैनी का यह आलम है कि सोमवार को मैनपुरी में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे धर्मेंद्र यादव दिवंगत मुलायम सिंह को याद करके मंच पर रोने लगे और मौजूद जनता से भाभी डिंपल को वोट देने की गुहार लगाने लगे।
#WATCH | SP leader Dharmendra Yadav breaks down while addressing a public rally in Uttar Pradesh's Mainpuri while remembering the party's late patron Mulayam Singh Yadav (19.11.22) pic.twitter.com/jWdZkpx2TB
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 21, 2022
सपा के मंच पर धर्मेंद्र यादव ने जैसे ही संबोधन शुरू किया, नेताजी (मुलायम सिंह यादव) को याद करते हुए रोने लगे और रोते हुए धर्मेंद्र यादव ने सभा में मौजूद लोगों से कहा कि कभी कल्पना नहीं की थी कि नेताजी के बाद उनके ही सीट पर चुनाव के लिए प्रचार करना होगा। इसके बाद धर्मेद्र यादव तेजी से सुबकने लगते हैं, वहीं सभा में नेताजी का जयकारा लगने लगता है।
नेताजी के नाम के लगते जयकारे के बीच में खुद को संभालते हुए धर्मेंद्र यादव कहते हैं कि जो भी नेताजी के जाने के बाद चुनौती दे रहे हैं, उन्हें वोट देकर हराओ। धर्मेंद्र यादव का साफ इशारा भाजपा की ओर था। मैनपुरी सीट अखिलेश यादव के लिए सीधे तौर पर अग्निपरीक्षा के समान हो गई है। पिता मुलायम सिंह के बनाये राजनैतिक हैसियत को संभालने के लिए, उसे बचाने के लिए अखिलेश यादव को आज एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है।
दरअसल मैनपुरी उपचुनाव को भाजपा ने अखिलेश यादव के लिए कांटे की टक्कर में बदल दिया है। यहां से भाजपा के प्रत्याशी रघुराज शाक्य का जनाधार भी काफी अच्छा माना जा रहा है। इसके साथ ही मैनपुरी निर्वाचन क्षेत्र में शाक्य मतदाता भी यादव के बाद दूसरे नंबर पर हैं। इस कारण वो एकजुट होकर डिंपल यादव को लोकसभा पहुंचने से रोक सकते हैं।
इसी समीकरण के मद्देनजर अखिलेश यादव ने सपा की सियासत से बुहार दिय गये चाचा शिवपाल यादव से संपर्क किया क्योंकि शिवपाल यादव का मैनपुरी के जसवंत नगर क्षेत्र में काफी अच्छा प्रभाव है और वो साल 1996 से अब तक यहां से लगातार विधायक हैं। इतना ही नहीं जानकारों का यह भी कहना है कि मैनपुरी लोकसभा सीट में जसवंत नगर की वोटिंग निर्णायक मानी जाती है क्योंकि यहां से सपा को एकमुश्त वोट मिलता है।
लिहाजा अखिलेश यादव ने धर्मेद्र यादव को चाचा शिवपाल यादव के पास भेजा और फिर धर्मेंद्र यादव ने मामले में चाचा-भतीजे के बीच पैचअप कराया। दरअसल यह इसलिए भी है कि अगर सपा मैनपुरी सीट खोती है तो पूरे सूबे में उसकी सियासत पर सवालिया निशान खड़ा हो जाएगा क्योंकि विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद सपा अखिलेश यादव द्वारा छोड़ी गई आजमगढ़ की लोकसभा सीट भी हार चुकी है। इस कारण अखिलेश यादव किसी भी कीमत पर मैनपुरी सीट से सपा का परचम बुलंद करना चाहते हैं और इसके लिए उन्हें सबसे ज्यादा दरकार शिवपाल यादव की है और जसवंत नगर के वोटों की है।