उत्तराखंड में आगामी सत्र से लागू होगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, गीता और रामायण को सिलेबस में किया जाएगा शामिल: शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत
By मनाली रस्तोगी | Published: May 2, 2022 09:49 AM2022-05-02T09:49:19+5:302022-05-02T09:53:19+5:30
उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि आगामी सत्र में राज्य में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) लागू की जाएगी। उन्होंने ये भू कहा कि हम जनता से सुझाव लेने और शिक्षाविदों से परामर्श करने के बाद पाठ्यक्रम में वेद, गीता, रामायण और उत्तराखंड के इतिहास को शामिल करेंगे।
देहरादून: उत्तराखंड में आने वाले सत्र से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) लागू होने जा रही है। राज्य के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति आगामी सत्र में लागू की जाएगी। हम जनता से सुझाव लेने और शिक्षाविदों से परामर्श करने के बाद पाठ्यक्रम में वेद, गीता, रामायण और उत्तराखंड के इतिहास को शामिल करेंगे।
Uttarakhand | National Education Policy will be implemented in the upcoming session. We'll be including Vedas, Gita, Ramayana & history of Uttarakhand in the syllabus after taking suggestions from the public & consulting the academicians: State Education minister Dhan Singh Rawatpic.twitter.com/bFN8ujxMmK
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 2, 2022
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में यह स्पष्ट कहा गया है कि भारतीय ज्ञान परंपराओं के आधार पर शिक्षा नीति होनी चाहिए। नई शिक्षा नीति के अनुसार वेद पुराण और गीता के साथ स्थानीय लोक भाषाओं को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। नई शिक्षा नीति लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा। शिक्षा मंत्री ने कहा, "जल्द ही नया सिलेबस तैयार किया जाएगा और कैबिनेट की बैठक में नई शिक्षा नीति के प्रावधानों पर मुहर लगाई जाएगी।"
जानकारी के मुताबिक नए पाठ्यक्रम में उत्तराखंड आंदोलन का इतिहास और यहां के महापुरुषों के बारे में भी छात्रों को पढ़ाया जाएगा। छात्रों को उत्तराखंड के इतिहास के साथ राज्य के भूगोल के बारे में भी पढ़ाया जाएगा। बताते चलें कि कई मायनों में नई शिक्षा व्यवस्था को अहम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि पहले छात्रों की काबिलियत का आंकलन सिर्फ किताबी ज्ञान को माध्यम मानते हुए किया जाता था। मगर राष्ट्रीय शिक्षा नीति समझ को प्राथमिकता देती है।