राज्यसभा ने बुधवार को पोक्सो संशोधन विधेयक पारित कर दिया, जिसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी को परिभाषित करते हुए बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में मृत्यु दंड का भी प्रावधान किया गया है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि बच्चों के खिलाफ यौन अपराध और बलात्कार के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए केन्द्र सरकार ने 1023 विशेष फास्ट ट्रैक अदालतें गठित करने को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि अभी तक 18 राज्यों ने ऐसी अदालतों की स्थापना के लिए सहमति जतायी है।
ईरानी ने कहा कि सरकार ने यौन अपराधों का एक राष्ट्रीय डाटा बेस तैयार किया है। ऐसे 6,20,000 अपराधी हैं। यदि कोई ऐसे व्यक्तियों को रोजगार पर रखता है तो संबंधित व्यक्ति के बारे में इससे जानकारी लेने में मदद मिलेगी।
स्मृति ईरानी ने कहा कि हमारी साथी तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन ने 46 साल बाद देश को और इस सदन को आपबीती सुनाई, हम सभी उनकी हिम्मत की दाद देते हैं। मंत्री ने चर्चा में शामिल होने वाले सभी सांसदों का आभार जताते हुए कहा कि हम चर्चा से निकलकर आए एक विषय पर तुरंत एक संशोधन भी लेकर आए हैं।
सरकार ने ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए एक हजार से ज्यादा फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए हैं। उन्होंने कहा कि न्याय में देरी ठीक नहीं है। ईरानी ने कहा कि सरकार हर राज्य में जाकर इन अदालतों का गठन भी कर रही है और इसके लिए केंद्र सरकार मदद भी दे रही है।
तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि इस बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजकर और मजबूती देने के बाद भी लाया जा सकता था। उन्होंने कहा कि इस विषय पर जागरूकता की भी जरूरत है। डेरेक ने कहा कि हम सजा पर खूब बात कर चुके हैं, लेकिन संरक्षण पर कम ही बात होती है, इससे कैसे बचा जाए यह सबसे ज्यादा जरूरी है।
ऐसे मामले घरों से शुरू होते हैं, कई बार तो रिश्तेदार ही शामिल होते हैं. बच्चों को शिकायत करने का मौका भी नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर भी ऐसी शिकायतें आती हैं। डेरेक ने कहा कि दुख से कह रहा हूं और भारत को जानना चाहिए, क्योंकि मेरे परिवार को इस बारे में पता है।
उन्होंने कहा कि कोलकाता में 12 साल की उम्र में जब मैं टेनिस प्रैक्टिस के बाद एक भीड़ से भरी बस में जाकर बैठा था, उस वक्त मैंने हाफ पैंट और टी शर्ट पहन रखी थी। मुझे नहीं पता कि वह कौन था, लेकिन तब मेरा यौन उत्पीड़न हुआ था। शुरू में 6-7 तक यह बात किसी को नहीं पता थी, फिर मैंने परिजनों को इसके बारे में बताया। हमें प्रसारण माध्यमों के जरिए लोगों के बीच इस विषय को लेकर जाने की जरूरत है ताकि इस जघन्य अपराध पर रोक लगाई जा सके।