दिल्ली पुलिस ने 'द वायर' के संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन के आवास पर मारा छापा, मोबाइल, लैपटॉप को किया जब्त
By रुस्तम राणा | Published: October 31, 2022 08:53 PM2022-10-31T20:53:51+5:302022-10-31T21:22:28+5:30
दिल्ली पुलिस की ओर बयान जारी कर कहा गया कि पुलिस ने सोमवार को सिद्धार्थ वरदराजन, एमके वेणु और अन्य के आवासों से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (मोबाइल, लैपटॉप) जब्त किए हैं।
नई दिल्ली: 'द वायर' के संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन और संस्थापक संपादक एमके वेणु के आवास पर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की तलाशी की है। भाजपा के अमित मालवीय की शिकायत पर द वायर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि "मेरी प्रतिष्ठा खराब करने और धूमिल करने के लिए जाली दस्तावेज का उपयोग किया गया है।" पुलिस ने न्यूज वेबसाइट के मुख्य सदस्यों के घर से उनके मोबाइल और लैपटॉप को जब्त कर लिया है।
दिल्ली पुलिस की ओर बयान जारी कर कहा गया कि पुलिस ने सोमवार को सिद्धार्थ वरदराजन, एमके वेणु और अन्य के आवासों से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (मोबाइल, लैपटॉप) जब्त किए हैं। आज किसी को कोई नोटिस नहीं दिया गया और न ही कोई पूछताछ हुई। आगे की जांच जारी है और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
Delhi Police Crime Branch searches underway at the residences of The Wire's founder Siddharth Varadarajan & founding editor MK Venu.
— ANI (@ANI) October 31, 2022
FIR was filed against The Wire on BJP's Amit Malviya's complaint alleging it "forged documents with a view to malign & tarnish my reputation." pic.twitter.com/bI2xPSu8BD
मालवीय की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने शनिवार को न्यूज पोर्टल और उसके चार पत्रकारों के खिलाफ "धोखाधड़ी" और "जालसाजी" का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेज को असली के रूप में इस्तेमाल करना), 500 (मानहानि) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। ) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की 120 बी (आपराधिक साजिश) धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
दिल्ली पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्राथमिकी में चार वरिष्ठ पत्रकारों के नाम सिद्धार्थ वरदराजन, एमके वेणु, सिद्धार्थ भाटिया और जाह्नवी सेन हैं। मालवीय ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा कि समाचार पोर्टल ने 10 अक्टूबर को प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया कि वह 'एक्स चेक-लिस्ट ऑन मेटा' नामक एक विशेष समूह का हिस्सा था।