रेलवे स्टेशनों पर दिव्यांगों को मुफ्त व्हीलचेयर, निचली बर्थ आरक्षित और मानवीय सहायता प्रदान करें, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 17, 2022 01:47 PM2022-09-17T13:47:57+5:302022-09-17T13:48:57+5:30

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने दिव्यांगों के लिए कुछ निचली बर्थ आरक्षित करने के साथ-साथ उन्हें मुफ्त सहायता देने के पहले के आदेश के संबंध में अधिकारियों से एक नयी स्थिति रिपोर्ट तलब की और कहा कि ऐसी सुविधाएं कम से कम व्यस्त स्टेशनों पर अवश्य प्रदान की जानी चाहिए।

Delhi High Court says Provide free wheelchairs reserve lower berths provide humanitarian assistance differently abled railway stations | रेलवे स्टेशनों पर दिव्यांगों को मुफ्त व्हीलचेयर, निचली बर्थ आरक्षित और मानवीय सहायता प्रदान करें, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा

गोरखधाम एक्सप्रेस में दिव्यांगों के लिए आरक्षित विशेष डिब्बे का दरवाजा बंद कर दिया गया था।

Highlights2017 में स्वत: संज्ञान से शुरू की गयी जनहित याचिका पर पारित किया गया। गोरखधाम एक्सप्रेस में दिव्यांगों के लिए आरक्षित विशेष डिब्बे का दरवाजा बंद कर दिया गया था।व्यक्ति एम.फिल. परीक्षा में शामिल होने से चूक गया था।

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने रेलवे को इस बात के लिए हर संभव प्रयास करने का निर्देश दिया कि उसके स्टेशनों पर दिव्यांगों को नि:शुल्क मानव सहायता और व्हीलचेयर मुहैया कराया जाना सुनिश्चित हो सके।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने दिव्यांगों के लिए कुछ निचली बर्थ आरक्षित करने के साथ-साथ उन्हें मुफ्त सहायता देने के पहले के आदेश के संबंध में अधिकारियों से एक नयी स्थिति रिपोर्ट तलब की और कहा कि ऐसी सुविधाएं कम से कम व्यस्त स्टेशनों पर अवश्य प्रदान की जानी चाहिए।

यह आदेश उच्च न्यायालय द्वारा 2017 में स्वत: संज्ञान से शुरू की गयी जनहित याचिका पर पारित किया गया। अदालत ने एक खबर का संज्ञान लिया था, जिसमें एक दृष्टिबाधित व्यक्ति अपनी एम.फिल की प्रवेश परीक्षा में सिर्फ इसलिए शामिल नहीं हो सका था, क्योंकि अंदर से बंद होने के कारण वह आरक्षित डिब्बे में नहीं चढ़ सका था।

खंडपीठ ने कहा, ‘‘प्रतिवादी भी यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास करेगा कि दिव्यांग व्यक्तियों को नि: शुल्क मानव सहायता और व्हीलचेयर उपलब्ध हो।’’ जुलाई 2017 में, उच्च न्यायालय ने उस खबर पर स्वत: संज्ञान लिया था, जिसमें गोरखधाम एक्सप्रेस में दिव्यांगों के लिए आरक्षित विशेष डिब्बे का दरवाजा बंद कर दिया गया था, जिसके परिणामस्वरूप वह व्यक्ति एम.फिल. परीक्षा में शामिल होने से चूक गया था। 

Web Title: Delhi High Court says Provide free wheelchairs reserve lower berths provide humanitarian assistance differently abled railway stations

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