नई दिल्ली, 22 मार्चः दिल्ली हाईकोर्ट आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की जमानत याचिका पर शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगी। कार्ति और सीबीआई की दलीलें सुनने के बाद 16 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी गर्ग सुना सकते है। वहीं, पिछले दिनों सीबीआई ने कार्ति को राहत दिये जाने का विरोध करते हुए कहा था कि उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि वह इस मामले में पहले ही सबूत नष्ट कर चुके हैं और वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं।
कार्ति के वकील ने दलील दी थी कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत कोई मामला नहीं बनता है क्योंकि सीबीआई ने न तो किसी लोक सेवक से पूछताछ की और ना ही उन्हें इस मामले में आरोपी बनाया है।
कार्ति के वकीलों ने सबूतों से छेड़छाड़ के आरोपों से इंकार किया था और कहा था कि जब सीबीआई ने हिरासत में लेकर उनसे और पूछताछ की मांग नहीं की है तो उन्हें न्यायिक हिरासत में क्यों रखा जाना चाहिए।
कार्ति को पिछले साल 15 मई को दर्ज प्राथमिकी के संबंध में ब्रिटेन से लौटने पर सीबीआई द्वारा 28 फरवरी को चेन्नई में गिरफ्तार किया गया था। कार्ति चिदंबरम पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने कथित रूप से मुम्बई के आईएनएक्स मीडिया (अब 9एक्स मीडिया) को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से हरी झंडी दिलाने के नाम पर 305 करोड़ रुपये लिए थे। उस समय आईएनएक्स मीडिया को इंद्राणी मुखर्जी और पीटर संचालित कर रहे थे। ये दोनों शीना बोरा हत्याकांड में आरोपी हैं।
दर्ज एफआईआर में पी चिदंबरम का उल्लेख नहीं है, यद्यपि मामले के अनुसार उन्होंने 18 मई 2007 को एफआईपीबी बैठक में कंपनी में 4। 62 करोड़ रुपये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को एफआईपीबी स्वीकृति दी थी। हालांकि कार्ति ने आरोपों को सिरे से गलत बताया है।(इनपुट-भाषा)