जामिया हिंसा केस: शरजील इमाम, सफूरा जरगर समेत अन्य पर चलेगा मामला, दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट का फैसला पलटा
By शिवेंद्र कुमार राय | Published: March 28, 2023 12:17 PM2023-03-28T12:17:31+5:302023-03-28T12:19:35+5:30
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार, 28 मार्च को जामिया हिंसा मामले में ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया और शरजील इमाम, सफूरा जरगर समेत 9 को हिंसा या 'हिंसक भाषण' के मामले में दोषी माना है।
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार, 28 मार्च को जामिया हिंसा मामले में शरजील इमाम, सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तन्हा और आठ अन्य को आरोप मुक्त करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोप तय किए। 2019 के जामिया हिंसा मामले में आरोपियों को दोष मुक्त करने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका पर यह फैसला सुनाया गया।
Jamia violence discharge case | Delhi HC partially overturned trial court order and charged 9 out of 11 accused including Safoora Zargar, Sharjeel Imam under sections related to rioting, unlawful assembly, obstructing public servants and other sections. pic.twitter.com/kkkhtvYAsn
— ANI (@ANI) March 28, 2023
इस मामले में आरोपी मोहम्मद कासिम, महमूद अनवर, शजर रजा, उमैर अहमद, मोहम्मद बिलाल नदीम, शरजील इमाम, आसिफ इकबाल तन्हा सफूरा जरगर और चंदा यादव पर दंगों से संबंधित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज है। इस मामले में कुल 11 आरोपी थे जिनमें से 9 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने दोषी माना है।
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का अधिकार सबको है लेकिन हिंसा या 'हिंसक भाषण' की अनुमति नहीं है। अदालत ने कुछ आरोपियों का जिक्र करते हुए कहा, "प्रथम दृष्टया, जैसा कि वीडियो में देखा जा सकता है, प्रतिवादी भीड़ की पहली पंक्ति में थे। वे दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे और बेरिकेड्स को हिंसक रूप से धकेल रहे थे।"
अदालत ने मोहम्मद कासिम, महमूद अनवर, शहजर रजा खान, उमर अहमद, मो. बिलाल नदीम, शरजील इमाम और चंदा यादव पर आईपीसी की धारा 143,147,149,186,353,427 समेत सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन आठ लोगों के बाकी आरोपों से मुक्त किया गया है। कोर्ट ने आसिफ इकबाल तन्हा को आईपीसी की धारा 308, 323, 341, 435 के तहत आरोपमुक्त किया है। उसके खिलाफ अन्य अपराधों के तहत आरोप तय किए गए हैं।
बता दें कि दिसंबर 2019 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस और नागरिकता संशोधन कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद हिंसा भड़क उठी थी। निचली अदालत ने 4 फरवरी को सभी 11 अभियुक्तों को आरोप मुक्त कर दिया था। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ पुलिस ने उच्च न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दायर की थी।