दिल्ली आबकारी नीति: पीएमएलए मामले में दूसरी गिरफ्तारी, ईडी ने शराब कारोबारी समीर महेन्द्रू को अरेस्ट किया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 28, 2022 11:03 AM2022-09-28T11:03:04+5:302022-09-28T11:59:15+5:30
दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच टकराव की बड़ी वजह बन चुकी नई आबकारी नीति (अब खत्म की जा चुकी) में कथित अनियमितता मामले में दूसरी गिरफ्तारी हुई है। हालांकि, दिल्ली की ये नई ऑबकारी नीति निरस्त की जा चुकी है।
नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के मामले में शराब कारोबारी समीर महेन्द्रू को बुधवार सुबह गिरफ्तार किया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। महेन्द्रू इंडोस्पिरिट्स नाम कंपनी के प्रबंध निदेशक हैं।
सूत्रों ने कहा कि रातभर चली पूछताछ के बाद महेन्द्रू को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमलए) के आपराधिक प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया। आरोपी को एक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा जहां ईडी उसकी रिमांड का अनुरोध करेगी। इस मामले में एक दिन पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने व्यवसायी विजय नायर को गिरफ्तार किया था।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी (अब खत्म कर दी गई) शराब नीति के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के मामले में आरोपी हैं। सीबीआई द्वारा प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने धन शोधन का मामला दर्ज किया है और अब तक दोनों एजेंसियों ने इस मामले में कई तलाशी अभियान चलाये हैं।
क्या हैं विजय नायर और समीर महेन्द्रू से जुड़े आरोप?
सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि सिसोदिया के कथित सहयोगी अर्जुन पांडेय ने नायर की ओर से महेन्द्रू से दो से चार करोड़ रुपये लिए थे। नायर, एक मनोरंजन कंपनी ओनली मच लॉउडर के पूर्व सीईओ हैं। नायर को मनीष सिसोदिया का करीबी भी बताया जाता है।
तमाम आरोपों पर 'आप' ने कहा है कि उसकी नीति का उद्देश्य भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना था। साथ ही पार्टी भाजपा पर राजनीतिक से प्रेरित होकर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाती रही है। पार्टी ने कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल से मिल रही चुनौती को देखते हुए भाजपा उसे निशाना बना रही है।
AAP ने साथ ही आरोप लगाया है कि नायर को इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि उन्होंने सिसोदिया को फंसाने के लिए एजेंसी की ओर से बन रहे दबाव के आगे झुकने से इनकार कर दिया था। पार्टी ने कहा था, 'उन्हें (विजय नायर) पिछले कुछ दिनों में पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा था और मनीष सिसोदिया का नाम लेने के लिए दबाव डाला गया। जब उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया, तो उन्हें धमकी दी गई कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पिछले एक महीने में उनके घर पर दो बार छापा मारा गया था, लेकिन कुछ भी नहीं मिला।'