दिल्ली हिंसा: कोर्ट ने उमर खालिद को 22 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 24, 2020 01:34 PM2020-09-24T13:34:52+5:302020-09-24T14:01:39+5:30

दिल्ली हिंसा मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उमर पर कई धाराओं के साथ ही यूएपीए के तहत भी मामला दर्ज किया है।

Delhi Court sends former JNU student Umar Khalid judicial custody till 22nd October | दिल्ली हिंसा: कोर्ट ने उमर खालिद को 22 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा

सांप्रदायिक हिंसा की बड़ी साजिश के मामले में खालिद 22 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में रहेंगे। (photo-ani)

Highlightsजेएनयू के पूर्व छात्रसंघ नेता उमर खालिद को अदालत ने 22 अक्तूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उसने पुलिस हिरासत के दौरान अपने परिवार से मिलने की इजाजत मांगी थी।उमर को सख्त आतंकवाद रोधी कानून, गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है।

नई दिल्लीः दिल्ली हिंसा में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किए गए जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को अदालत ने 22 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।  

उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा की साजिश रचने और हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ नेता उमर खालिद को अदालत ने 22 अक्तूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। दिल्ली हिंसा मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उमर पर कई धाराओं के साथ ही यूएपीए के तहत भी मामला दर्ज किया है।

इस धारा के लगने के बाद व्यक्ति की जमानत काफी मुश्किल हो जाती है। दिल्ली की एक अदालत ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उसने पुलिस हिरासत के दौरान अपने परिवार से मिलने की इजाजत मांगी थी।

दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित मामले में कठोर आतंकवाद रोधी कानून, गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किये गए जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को बृहस्पतिवार को 22 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

पुलिस हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद खालिद को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष पेश किया गया था। खालिद को 13 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उनकी और हिरासत नहीं मांगी।

पुलिस ने प्राथमिकी में दावा किया है कि सांप्रदायिक हिंसा ''पूर्व-नियोजित साजिश'' थी

पुलिस ने प्राथमिकी में दावा किया है कि सांप्रदायिक हिंसा ''पूर्व-नियोजित साजिश'' थी, जिसे कथित रूप से खालिद और दो अन्य लोगों ने अंजाम दिया था। खालिद के खिलाफ राजद्रोह, हत्या, हत्या का प्रयास, धर्म के आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच द्वेष पैदा करने और दंगा भड़काने के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि खालिद ने कथित रूप से दो अलग-अलग जगहों पर भड़काऊ भाषण दिये और लोगों से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान सड़कों पर उतरने और उन्हें जाम करने की अपील की ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह दुष्प्रचार किया जा सके कि भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किया जा रहा है। प्राथमिकी के अनुसार इस षड़यंत्र को अंजाम तक पहुंचाने के लिये कई घरों में हथियार, पेट्रोल बम, तेजाब की बोतलें और पत्थर जमा किये गए।

पुलिस का आरोप है कि सह-आरोपी दानिश को कथित रूप से दो अलग-अलग जगहों पर लोगों को जमा करने और दंगा भड़काने की जिम्मेदारी दी गई थी। प्राथमिकी में कहा गया है कि 23 फरवरी को महिलाओं और बच्चों को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे सड़क बंद करने के लिये कहा गया ताकि आसपास रह रहे लोगों के बीच तनाव उत्पन्न किया जा सके। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा भड़कने के बाद सांप्रदायिक झड़पें शुरू हो गई थीं। इस दौरान कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 200 लोग घायल हो गए थे।

Web Title: Delhi Court sends former JNU student Umar Khalid judicial custody till 22nd October

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