दिल्ली-केंद्र प्रशासनिक सेवा विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की बेंच को सौंपा मामला, 11 मई को अगली सुनवाई

By भाषा | Published: May 6, 2022 02:00 PM2022-05-06T14:00:27+5:302022-05-06T14:09:33+5:30

देश की राजधानी दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण से जुड़े विवाद को सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की एक संविधान पीठ को स्थानांतरित कर दिया है। इस मसले पर कोर्ट ने 28 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

Delhi-Centre Administrative Service dispute: Supreme Court handed over matter to five judge bench | दिल्ली-केंद्र प्रशासनिक सेवा विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की बेंच को सौंपा मामला, 11 मई को अगली सुनवाई

दिल्ली-केंद्र प्रशासनिक सेवा विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की बेंच को सौंपा मामला (फाइल फोटो)

Highlightsमें प्रशासनिक सेवाएं किसके नियंत्रण में रहेंगी, इसे लेकर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई।सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पांच न्यायाधीशों की एक संविधान पीठ को मामले को स्थानांतरित करने का आदेश दिया।कोर्ट ने अब केन्द्र और दिल्ली सरकार के वकीलों से 11 मई को मामले पर दलीलें पेश करने को कहा है।

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र और दिल्ली के बीच राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण के विवाद से जुड़ा मामला शुक्रवार को पांच न्यायाधीशों की एक संविधान पीठ को स्थानांतरित किया। केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच इस बात को लेकर विवाद है कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाएं किसके नियंत्रण में रहेंगी।

प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की एक पीठ ने कहा कि संविधान पीठ ने सेवाओं पर नियंत्रण के मुद्दे के अलावा विवाद से उत्पन्न सभी मुद्दों पर विचार किया है। शीर्ष अदालत ने केन्द्र और आम आदमी पार्टी (आप) नीत दिल्ली सरकार के वकीलों से 11 मई को मामले पर अपनी दलीलें पेश करने को कहा।

शीर्ष अदालत ने मामले को पांच सदस्यीय पीठ के पास भेजने के संबंध में 28 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह याचिका 14 फरवरी 2019 के उस विभाजित फैसले को ध्यान में रखते हुए दायर की गयी है, जिसमें न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की दो सदस्यीय पीठ ने भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश को उनके विभाजित फैसले के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण के मुद्दे पर अंतिम फैसला लेने के लिए तीन सदस्यीय पीठ का गठन करने की सिफारिश की थी।

दोनों न्यायाधीश अब सेवानिवृत्त हो गए हैं। न्यायमूर्ति भूषण ने तब कहा था कि दिल्ली सरकार के पास प्रशासनिक सेवाओं पर कोई अधिकार नहीं हैं। हालांकि, न्यायमूर्ति सीकरी की राय उनसे अलग थी।

Web Title: Delhi-Centre Administrative Service dispute: Supreme Court handed over matter to five judge bench

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