दिल्ली विधानसभा चुनाव: मुख्यमंत्री चेहरा नहीं पेश करेगी भाजपा, गुटबाजी और दांव उल्टा पड़ने का है डर

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: October 17, 2019 08:10 AM2019-10-17T08:10:24+5:302019-10-17T08:10:24+5:30

यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव में मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भाजपा-जदयू का मुख्यमंत्री चेहरा बनाएगी.

Delhi assembly elections: BJP will not present the face of Chief Minister, fear of factionalism and bets backfired | दिल्ली विधानसभा चुनाव: मुख्यमंत्री चेहरा नहीं पेश करेगी भाजपा, गुटबाजी और दांव उल्टा पड़ने का है डर

दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होना हैं.

Highlightsभाजपा ने साफ कर दिया है कि महाराष्ट्र में वर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जबकि हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर को दूसरा कार्यकाल मिलेगाभाजपा के अंदरुनी सूत्रों का कहना है कि आप का चुनाव अभियान पहले ही शुरू हो चुका है.

वेंकटेश केसरी

भाजपा आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में किसी को मुख्यमंत्री पद चेहरा के रूप में पेश नहीं करेगी. उसे आशंका है कि मुख्यमंत्री का चेहरा पेश करने का दांव उल्टा पड़ सकता है और संगठन के भीतर की गुटबाजी तेज हो सकती है. भाजपा को विधानसभा और लोकसभा चुनावों में चेहरे पेश कर लड़ना पसंद है, लेकिन उसकी यह रणनीति दिल्ली में तब घातक साबित हुई जब उसने 2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी ऐतिहासिक जीत की पृष्ठभूमि में किरण बेदी को शीर्ष पद के लिए उतारा. उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के उम्मीदवार के तौर पर देखा गया था.

चुनाव से जुड़े पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ''दिल्ली विधानसभा चुनाव में हम मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में नहीं पेश कर रहे हैं.'' दिल्ली की जंग इस साल के लोकसभा चुनाव से भिन्न है. ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्लीवासियों को सस्ती दर पर पानी और बिजली मुहैया कराने के अलावा स्वास्थ्य सेवाओं और अच्छी शिक्षा व्यवस्था जैसे कार्यों की बदौलत सत्ताधारी आप को चुनाव मैदान में भाजपा को परास्त करने का पूरा विश्वास है.

भाजपा के अंदरुनी सूत्रों का कहना है कि आप का चुनाव अभियान पहले ही शुरू हो चुका है. मीडिया अभियान के लिए उसका बजट 300 करोड़ रुपए है. यदि भाजपा विकास के लंबे दावों के बावजूद महाराष्ट्र में सत्ता बरकरार रखने के लिए राकांपा-कांग्रेस के दलबदलुओं पर भरोसा कर रही है, तो यह हरियाणा में गैर जाटों को लामबंद कर रही है.

इस तरह उसे दोनों राज्यों में दूसरा कार्यकाल मिलने की उम्मीद है. भाजपा ने साफ कर दिया है कि महाराष्ट्र में वर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जबकि हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर को दूसरा कार्यकाल मिलेगा. हालांकि भाजपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को पेश नहीं किया था.

नीतीश का मसला होगा दिलचस्प :

यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव में मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भाजपा-जदयू का मुख्यमंत्री चेहरा बनाएगी. इसका कारण यह है कि भाजपा का एक खेमा अपनी पार्टी को बड़ा बताकर नीतीश कुमार का विरोध कर रहा है. उनके अनुसार पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी और ओडिशा के नवीन पटनायक की भांति सुशासन बाबू (नीतीश कुमार) बिहार के एकछत्र नेता नहीं हो सकते हैं. वह सत्ता में भाजपा या राजद के सहयोग से आए हैं, अपने बल पर नहीं.

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