महिला की शिकायत और तीन महीने के लिए रद्द हो गया पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित देहरादून के डॉक्टर का लाइसेंस
By विनीत कुमार | Published: July 24, 2022 11:38 AM2022-07-24T11:38:24+5:302022-07-24T11:50:42+5:30
देहरादून के प्रसिद्ध डॉक्टर और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ योगी एरोन का लाइसेंस तीन महीने के लिए रद्द कर दिया गया है। एक महिला ने डॉ. योगी को लेकर गलत ऑपरेशन का आरोप लगाया था।
देहरादून: उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल (UKMC) ने नवंबर 2018 और फरवरी 2020 के बीच देहरादून की एक महिला के चेहरे पर की गई कुछ सर्जरी को कथित रूप से विफल होने को लेकर पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ योगी एरोन का लाइसेंस अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। महिला ने दावा किया था कि ऑपरेशन के बाद उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी।
शिकायतकर्ता नीता थापा ने कहा कि उसने अपने ऊपरी होंठ के ठीक ऊपर एक मध्यम आकार का मस्सा देखने के बाद ऑक्टोजेरियन प्लास्टिक सर्जन से संपर्क किया था। अपनी शिकायत में महिला ने दावा किया कि डॉक्टर ने नोज इम्प्लांट करने के लिए उसकी इजाजत के बगैर उसके माथे की त्वचा का एक हिस्सा लिया था।
महिला ने यूकेएमसी को अपनी शिकायत में दावा किया, 'इन सर्जरी ने मुझे बहुत मानसिक पीड़ा दी...और इसमें लगभद 10 लाख रुपये खर्च हुए, जिससे मैं कर्ज के बोझ में दब गई।' आरोप ये भी हैं कि डॉक्टर ने एक ही समस्या के लिए तीन बार सर्जरी की, तीन बार फीस वसूली, फिर भी सर्जरी नाकाम रही।
इस बीच डॉक्टर योगी एरोन ने आरोप लगाया कि शिकायत 'दुर्भावनापूर्ण इरादे' से की गई थी और मरीज पहले से ही अवसाद से जूझ रहा था। उन्होंने दावा किया, 'कोविड लॉकडाउन के दौरान उसका अपना ब्यूटी पार्लर व्यवसाय खत्म हो गया था।'
उन्होंने कहा, 'हम निःस्वार्थ रूप से सेवा देते हैं। हम अब भी उसे सबसे अच्छा इलाज देने के लिए तैयार हैं। मेरे द्वारा की गई सर्जरी पूरी तरह से चिकित्सा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए थी।'
बता दें कि साल 2020 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने डॉक्टर योगी को पद्मश्री से सम्मानित किया था। महिला की शिकायत के बाद मेडिकल काउंसिल ने एक जांच कमेटी बनाई थी जिसने पाया कि इलाज में सही मानदंडों का पालन नहीं हुआ।