राजस्थान के जयपुर के पास धानक्या में बुधवार (25 सितंबर) को आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर पाकिस्तान को चेतावनी दी।
राजनाथ सिंह ने कहा, ''बार-बार सुझाव दे चुका हूं पाकिस्तान को भी... 1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे, पाकिस्तान और बांग्लादेश बन गया था.. मैंने कहा 1971 की गलती मत दोहराना.. नहीं तो पीओके का क्या होगा अच्छी तरह समझ लेना।''
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के वजूद को स्वीकार नहीं करता है इसलिए उसने जम्मू कश्मीर की विधानसभा में पीओके के लिए 24 सीटें खाली रखीं।
सिंह ने कहा, ‘‘यदि पाकिस्तान के वजूद को हम स्वीकार करते हैं तो यह नहीं मान लिया चाहिए कि पीओके के वजूद को भी हम स्वीकार करते है... हम उसके वजूद को स्वीकार नहीं करते क्योंकि पाकिस्तान ने उस पर जबरन कब्जा कर रखा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘... हम उसके वजूद को स्वीकार नहीं करते और इसीलिये जम्मू कश्मीर विधानसभा में आज भी पीओके के लिये 24 सीटें खाली रखी गई हैं।’
राजनाथ ने कहा, ‘‘ ... हम जाति पंथ और मजहब के आधार पर राजनीति नहीं करते। हम राजनीति करते है तो इंसाफ, इंसानियत और मानवता के आधार पर।’’ राजनाथ ने पाकिस्तान को आगाह किया कि वह 1971 की गलती को नहीं दोहराए। उस युद्ध में पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए और बांग्लादेश के रूप में नया देश सामने आया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कहा कि 71 की गलती मत दोहराना वरना पीओके का क्या होगा, अच्छी तरह समझ लेना।’’
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘बराबर आतंकवादियों के माध्यम से भारत को अस्थिर करने की, तोड़ने की यह कोशिश करता है। क्यों करता है?’’
बालाकोट हवाई हमले का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि भारत ने कभी पाकिस्तान की संप्रभुता को चुनौती नहीं दी। सीआरपीएफ जवानों पर हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के आतंकवादियों ने आकर हमारे सीआरपीएफ के जवानों की हत्या की थी तो आतंकवादियों के ठिकाने पर हमला करना था। हमने पाकिस्तान पर हमला नहीं किया, बालाकोट में केवल वहीं हमला किया जहां पाकिस्तानियों को प्रशिक्षण दिया जाता था।
हमने पाकिस्तान की सेना पर हमला नहीं किया। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने पाकिस्तान की संप्रभुता को कोई चुनौती नहीं दी। इस हद तक हम लोगों ने सावधानी बरती है लेकिन आगे भी इसी तरह चलता रहा तो कुछ कहा नहीं जा सकता है।
(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)