नवाब मलिक पर अब 1000 करोड़ का मानहानि का मामला, 6 हफ्ते में देना होगा जवाब, जानें पूरा मामला
By विनीत कुमार | Published: November 30, 2021 08:41 AM2021-11-30T08:41:54+5:302021-11-30T08:48:25+5:30
नवाब मलिक पर एक सहकारी बैंक ने 1000 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा किया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले में मलिक को 6 हफ्ते में जवाब देने को कहा है।
मुंबई: एनसीपी नेता और महाराष्ट्र कैबिनेट में मंत्री नवाब मलिक हाल के दिनों में समीर वानखेड़े के खिलाफ मोर्चा खोले जाने जाने को लेकर काफी चर्चा में रहे हैं। इस बीच एक नया मामला सामने आया है।
मुंबई जिला सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक ने एनसीपी नेता सहित सात अन्य पर 1000 करोड़ रुपये की मानहानि का केस ठोका है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले में नवाब मलिक को जवाब देने के लिए छह हफ्तों का समय दिया है।
नवाब मलिक पर बैंक ने क्यों किया मानहानि का केस
बैंक की ओर से वकील अखिलेश चौबे ने अदालत को बताया कि 1 से 4 जुलाई के बीच बैंक के खिलाफ आधारहीन, चौंकाने वाले और मानहानि वाली बात के साथ कई होर्डिंग मुंबई के व्यस्त चौराहों पर लगाए गए थे, जिसे मुंबई के लाखों लोगों ने देखा। बैंक ने दावा किया कि इन होर्डिंग्स से उनकी प्रतिष्ठा को धक्का पहुंचा।
बैंक ने कहा कि उन्होंने इस मामले में मलिक और अन्य को नोटिस भेजा था। मलिक ने अपने जवाब में इन पोस्टरों को उक्त स्थानों पर लगाने से इनकार किया था और वास्तव में बैंक से नोटिस वापस लेने को कहा। इस तरह मलिक की ओर से इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं रह गया है।
एनसीपी नेता की ओर से जवाब में कहा गया है कि न तो मलिक और न ही उनकी पार्टी यानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी होर्डिंग्स लगाने से किसी भी तरह से जुड़ी हुई है। वहीं, बैंक के अनुसार मलिक और अन्य ने उनकी छवि खराब करने के इरादे से अपमानजनक होर्डिंग्स लगाए थे।
बैंक ने क्या रखी है मांग
बैंक की ओर से मानहानि के दायर केस में कहा गया, 'पहली नजर में यह बैंक की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का इरादा लगता है। होर्डिंग्स द्वारा बैंक की छवि को बड़े पैमाने पर जनता के सामने धूमिल करने की कोशिश हुई है, जिससे बैंक के संचालन और व्यवसाय को नुकसान पहुंचे। मलिक और अन्य लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर जनता के दिमाग में यह बात पहुंचाने की कोशिश हुई कि बैंक भ्रष्ट है और उनकी जमा राशि यहां सुरक्षित नहीं है।'
याचिका में बैंक की ओर से कहा गया है कि मलिक और अन्य को बैंक से पूर्ण रूप से और बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए। साथ ही कहा गया है कि बैंक के खिलाफ लगाए गए आरोपों को वापस लेने के लिए उन्हीं जगहों पर नवाब मलिक और अन्य को होर्डिंग लगाने का निर्देश दिया जाए जहां 'गलत जानकारी' वाले होर्डिंग लगाए गए थे। इसके अलावा मलिक और अन्य से 10,000,000,000 रुपये की भुगतान करने का आदेश देने की मांग कोर्ट से की गई है।