हाथरस पीड़िता बताकर एक व्यक्ति की मृत पत्नी की तस्वीर किया वायरल, पति की शिकायत पर कोर्ट ने दिए ये आदेश
By भाषा | Published: October 16, 2020 11:01 AM2020-10-16T11:01:04+5:302020-10-16T11:01:04+5:30
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सरकार को जल्द से जल्द इस संबंध में फेसबुक, गूगल और ट्विटर को निर्देश जारी करना चाहिए।
नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को निर्देश दिया कि वह उस व्यक्ति की शिकायत को देखे जिसमें दावा किया गया है कि उसकी मृत पत्नी की तस्वीर को हाथरस दुष्कर्म पीड़िता की तस्वीर बताकर सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है।
न्यायमूर्ति नवीन चावला ने कहा कि अगर व्यक्ति की शिकायत सही पाई जाती है तो सरकार को यथाशीघ्र इस संबंध में फेसबुक, गूगल और ट्विटर को निर्देश जारी करना चाहिए। अदालत ने 13 अक्टूबर को पारित आदेश में कहा, ‘‘जो तथ्य पेश किया गया, उसके आधार पर प्रतिवादी संख्या-1 (इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) को निर्देश दिया जाता है कि वह याचिकाकर्ता (व्यक्ति) की शिकायत पर गौर करे और अगर याचिकाकर्ता की शिकायत सही पाई जाती है तो त्वरित कार्रवाई की जाए।
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि किसी भी सूरत में इस आदेश की प्रति मिलने के तीन दिन के भीतर प्रतिवादी संख्या दो से चार (फेसबुक, ट्विटर और गूगल) को इस संबंध में जरूरी निर्देश जारी करके कार्रवाई करे।’’ अदालत ने व्यक्ति को भी अपनी शिकायत के संबंध में जरूरी दस्तावेज मंत्रालय को सौंपने के निर्देश दिए।
बता दें कि हाथरस पीड़िता के नाम पर फेक फोटो सोशल मीडिया पर साझा किया जाने लगा। जिस लड़की की फोटो वायरल हो रही थी, दरअसल उसका नाम मनीषा यादव है जिसकी मौत चंडीगढ़ के एक अस्पताल में 22 जुलाई 2018 को इलाज के दौरान हो गई थी।
मनीषा मूलत: उत्तर प्रदेश के अयोध्या की रहने वाली थी और उसके भाई अजय यादव के मुताबिक यह फोटो भी उसके गांव की ही है। अजय ने हमें बताया कि मनीषा की शादी चंडीगढ़ में हुई थी और चंडीगढ़ के अस्पताल में इलाज के दौरान लापरवाही की वजह से उसकी जान गई थी।
उनके परिवार के लोग अस्पताल के खिलाफ मुकदमा लिखवाना चाहते थे लेकिन पुलिस एफआईआर लिखने में आनाकानी कर रही थी। तभी अजय और उसके दोस्तों ने सोशल मीडिया पर इस फोटो के जरिये ‘जस्टिस फॉर मनीषा’ का कैम्पेन चलाया था। अब इस मामले में मनीषा के परिवार ने कोर्ट में फेक फोटो सर्कुलेट किए जाने को लेकर शिकायत की जिसपर कोर्ट ने संज्ञान लेने का आदेश सरकार को दिया है।