गाड़ियों में 6 एयरबैग और पीछे बैठे लोगों के लिए सीट बेल्ट अनिवार्य होंगे, साइरस मिस्त्री की मौत के बाद सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर नितिन गडकरी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 6, 2022 07:35 AM2022-09-06T07:35:50+5:302022-09-06T07:38:29+5:30
विशेषज्ञों ने पीछे बैठे व्यक्ति को सीट बेल्ट पहनने और शहर की सड़कों पर तेज रफ्तार से वाहन चलाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनों को सख्ती से लागू करने का भी आह्वान किया।
नयी दिल्लीः महाराष्ट्र के पालघर में एक सड़क दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की मौत के बाद सड़क सुरक्षा का मुद्दा तेज हो गया है। जहां विशेषज्ञों ने पीछे बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनने को अनिवार्य किए जाने की वकालत की है, वहीं केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी इसपर अपनी सहमति जताई है।
नितिन गडकरी ने कहा कि आम आदमी की मानसिकता को बदलने की जरूरत है। लोग सोचते हैं कि पीछे बैठने वालों को बेल्ट की जरूरत नहीं है। यह समस्या है। केंद्रीय मंत्री ने एक सम्मेलन में बोलते हुए कहा, मैं किसी भी दुर्घटना पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। लेकिन आगे और पीछे बैठने वालों दोनों को सीट बेल्ट पहनने की जरूरत है। नितिन गडकरी ने इसके साथ ही गाड़ियों में 6 एयरबैग को भी अनिवार्य बनाने की बात कही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मंत्रालय इस बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बॉलीवुड सितारों, क्रिकेटरों और मीडिया की मदद ले रहा है। नितिन गडकरी ने इसके साथ ही गाड़ियों में 6 एयरबैग को अनिवार्य किए जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि कार में 6 एयरबैग होना अनिवार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा किकंपनियों का तर्क है कि ज्यादा एयरबैग लगाने से कार की कीमत बढ़ जाएगी। मंत्री ने कहा कि कार में एयरबैग लगाने की लागत को 900 रुपये तक लाया जा सकता है।
साइरस मिस्त्री की दुर्घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैः नितिन गडकरी
साइरस मिस्त्री की मौत पर दुख जताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, साइरस मिस्त्री की दुर्घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और देश के लिए एक बड़ा झटका है। वह मेरे बहुत अच्छे दोस्त थे। हमारी समस्या यह है कि हमारे देश में हर साल 5 लाख दुर्घटनाएं और 1 लाख 50 हजार मौतें होती हैं। और इनमें से ये मौतें, 65% 18 से 34 वर्ष की आयु के हैं। पुलिस जांच में पता चला कि साइरस मिस्त्री कार की पिछली सीट पर थे और उन्होंने भी सीट बेल्ट नहीं पहनी हुई थी। मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर सूर्या नदी पर बने पुल पर रोड डिवाइडर से टकराने से पहले कार तेज रफ्तार में थी।
विशेषज्ञों ने तेज रफ्तार वाहनों पर नजर रखने और पीछे बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य करने की जरूरत पर जोर दिया है। केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई), नयी दिल्ली के मुख्य वैज्ञानिक एस वेलमुरुगन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘राष्ट्रीय राजधानी में कुछ हिस्सों में सड़क के डिजाइन में असंगति देखी जा सकती है जिसमें पूर्वी और पश्चिमी एक्सप्रेसवे, बाहरी रिंग रोड और रिंग रोड शामिल हैं। उदाहरण के लिए, कुछ बिंदुओं पर छह-लेन की सड़क चार-लेन में सिमट जाती है। विभिन्न स्थानों पर असमान सतहों को भी देखा जा सकता है। ये मुद्दे वाहन चलाने के दौरान खतरा पैदा करते हैं और इन्हें दूर किया जाना चाहिए।’’
सड़क दुर्घटनाओं में 11 प्रतिशत से अधिक हादसे भारत में होते हैं
उन्होंने कहा कि रविवार की दुर्घटना से तीन प्रमुख निष्कर्ष निकलते हैं कि सड़कों, विशेष रूप से राजमार्गों को सुसंगत तरीके से बनाया जाना चाहिए, सड़क पर पर्याप्त संकेत चिह्न होने चाहिए और पीछे बैठे व्यक्ति के लिए सीट बेल्ट पहनने के कानून को लागू किया जाना चाहिए। वेलमुरुगन ने पीछे बैठे व्यक्ति को सीट बेल्ट पहनने और शहर की सड़कों पर तेज रफ्तार से वाहन चलाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनों को सख्ती से लागू करने का भी आह्वान किया। अंतराष्ट्रीय सड़क महासंघ के अनुसार, दुनिया भर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में 11 प्रतिशत से अधिक हादसे भारत में होते हैं, जिनमें हर दिन 426 लोगों की जान जाती है और हर घंटे 18 लोग मारे जाते हैं। महासंघ के अनुसार, 2021 में 1.6 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई और ‘‘अधिकतर सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को टाला जा सकता है।’’