Cyclone Nisarga Alert: मुंबई में कभी भी दस्तक दे सकता है चक्रवात 'निसर्ग', ले रहा है विकराल रूप, कई राज्यों में अलर्ट जारी
By गुणातीत ओझा | Published: June 3, 2020 07:18 AM2020-06-03T07:18:57+5:302020-06-03T07:18:57+5:30
चक्रवात 'निसर्ग' आज कभी भी महाराष्ट्र में दस्तक दे सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक तूफान मुंबई से करीब 94 किमी की दूरी पर स्थित अलीबाग में जमीन से टकराएगा।
नई दिल्ली। चक्रवात 'निसर्ग' खतरनाक रूप लेता जा रहा है। अरब सागर में हवा के दबाव में परिवर्तन होने के बाद बना यह तूफान आज मुंबई में कभी भी दस्तक दे सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक तूफान मुंबई से करीब 94 किमी की दूरी पर स्थित अलीबाग में जमीन से टकराएगा। तूफान की भयावहता को देखते हुए महाराष्ट्र, गुजरात, केंद्र शासित दमन-दीव और दादर नगर हवेली में सुरक्षा के इंतजाम पहले से ही कर लिए गए हैं। महाराष्ट्र में मुंबई, पालघर, अलीबाग और ठाणे तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई है। तूफान निसर्ग को देखते हुए इंडिगो एयरलाइंस ने आज मुंबई से आने-जाने वाली 17 फ्लाइट रद्द कर दी हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि मुंबई इस तरह का तूफान पहली बार देखेगी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग में समुद्री तूफान विषय की प्रभारी डा. सुनीता देवी ने बताया कि मंगलवार की दोपहर चक्रवात निसर्ग का केंद्र गोवा के पंजिम शहर से दक्षिण पश्चिम 280 किमी और मुंबई से 430 दक्षिण पश्चिम अरब सागर में था। यह अगले 12 घंटों में और विकराल रूप धर लेगा।
Took stock of the situation in the wake of cyclone conditions in parts of India’s western coast.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 2, 2020
Praying for everyone’s well-being. I urge people to take all possible precautions and safety measures.
तूफान निसर्ग को लेकर की गई तैयारियों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समीक्षा की है। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि भारत के पश्चिमी तट के कुछ हिस्सों में चक्रवात की स्थिति के मद्देनजर हालात का जायजा लिया। मैं सभी की कुशलता के लिए प्रार्थना करता हूं। लोगों से हर संभव सावधानी और सुरक्षा उपाय बरतने का आग्रह भी करता हूं।
#CycloneNisarga is approaching north Maharashtra coast with a speed of 11 kmph. It is about 200 km south-southwest of Alibag and 250 km south-southwest of Mumbai at 0230 hours IST of 03-06-2020: India Meteorological Department (IMD) pic.twitter.com/avvR9GQqBr
— ANI (@ANI) June 2, 2020
तूफान उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के बीच हरिहरेश्वर व दमन के निकट अलीबाग में जमीन से टकराएगा। उस समय हवाओं की रफ्तार 110 से 120 किमी तक हो सकती है। इस दौरान बड़े इलाके में तेज बारिश भी हो सकती है। महाराष्ट्र के तटीय इलाकों के मुंबई, थाणे और रायगढ़ में इसका ज्यादा असर देखने को मिलेगा। समुद्र में सामान्य ज्वर की अपेक्षा एक से दो मीटर अधिक ऊंचाई का ज्वर आएगा।
कई निचले इलाके जलमग्न हो जाएंगे। मछुआरों को समुद्र में जाने से रोक दिया गया है। एनडीआरएफ की 34 टीमें तैनात की गई हैं। बल के महानिदेशक एसएन प्रधान ने बताया कि गुजरात में 16 टीमें, महाराष्ट्र में 15 टीमें, दमन-दीव में दो और दादर व नगर हवेली में एक टीम तैनात की गई हैं। तटीय क्षेत्र से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।
- एनडीआरएफ और गुजरात पुलिस नवसारी जिले के मेंढर और भाट गांवों से लोगों को निकाल रही है।
- गुजरात में तटीय रक्षक मछुआरों को अलर्ट कर बंदरगाह पर वापस लौटने की अपील कर रहे हैं।
- महाराष्ट्र के मुंबई शहर, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है।
- लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।
- मुंबई में सभी मछुआरे अपनी नावों को लेकर वापस किनारों पर लौट रहे हैं।
गुजरात में भी मंडरा रहा खतरा, जारी किया गया अलर्ट
तूफान को लेकर गुजरात समेत महाराष्ट्र, गोवा, दमन-दीव और दादरा नगर हवेली में अलर्ट जारी किया गया है। वहीं राज्य सरकारों ने इससे बचने के लिए निचले स्थानों पर रहने वालों को निकालने के आदेश दिए है। निसर्ग तूफान के खतरे से निपटने के लिए इन सभी राज्यों में नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स की कुल 23 टीमें लगाई गई हैं। वहीं ऐसे आधा दर्जन से ज्यादा जिले हैं, जहां तूफान का प्रभाव ज्यादा देखने को मिलेगा। ऐसे में इन जिलों में एनडीआरएफ की 10 टीमें तैनात की गई हैं।
जानें क्यों निसर्ग पड़ा नाम?
निसर्ग शब्द बंगाल का है। इसका अर्थ 'प्रकृति' होता है। समुद्री तूफानों के लिए तैयार की गई नामों की लिस्ट में निसर्ग पहला नाम है। दरअसल इससे पहले 64 नामों की एक लिस्ट थी जो आम्फान तूफान के साथ ही खत्म हो गई है। इसलिए तूफानों के नाम की एक नई लिस्ट तैयार की गई है जिसमें यह पहला नाम है। साल 2004 में चक्रवाती तूफान के नाम रखने की प्रकिया शुरू की गई है। विश्व मौसम संगठन और संयुक्त राष्ट्र की प्रशांत एशियाई क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक आयोग की चरणबद्ध प्रक्रिया के तहत चक्रवात का नाम रखा जाता है। हिंद महासागर के आठ उत्तरी देश (बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका, और थाईलैंड) एक साथ मिलकर आने वाले चक्रवाती तूफ़ान के 64 (हर देश आठ नाम) नाम तय करते हैं। जब चक्रवात इन आठों देशों के किसी हिस्से में पहुंचता है, सूची से अगला दूसरा सुलभ नाम रख दिया जाता है। इन आठ देशों की ओर से सुझाए गए नामों के पहले अक्षर के अनुसार उनका क्रम तय किया जाता है और उसके हिसाब से ही चक्रवाती तूफान के नाम रखे जाते हैं।