नई दिल्लीः कांग्रेस कार्यसमिति की 16 अक्टूबर को होने वाली बैठक के लिए पार्टी के ‘जी 23’ समूह के नेताओं ने नेतृत्व पर दबाव बनाने के लिये आपसी मंथन कर बैठक के दौरान अपनाई जाने वाली रणनीति बनाने का काम शुरू कर दिया है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार आनंद शर्मा और गुलाम नबी आजाद बैठक में अपनी पुरानी मांगों को रखेंगे तथा तत्काल पार्टी के संघनात्मक चुनाव कराने और पूर्णकालिक अध्यक्ष की बात कहेंगे। हालांकि ‘जी 23’ में मुकुल वासनिक भी शामिल हैं, जिन्होंने अन्य नेताओं के साथ उस पत्र पर हस्ताक्षर किये थे, जो सोनिया गांधी को भेजा था।
जिसमें नेतृत्व की कमजोरियों और राहुल के नेतृत्व पर परोक्ष हमले की चर्चा थी। लेकिन सूत्रों ने दावा किया कि मुकुल वासनिक मुखर न हो कर तटस्थ भूमिका में रहेंगे। ग्रुप -23 की रणनीति को भांपते हुए राहुल समर्थकों ने भी जवाबी रणनीति तैयार की है।
इन नेताओं का तर्क है कि कार्य समिति में बहुमत उनके साथ है तथा बैठक का जो एजेंडा तैयार किया जा रहा है उसमें आगामी विधानसभा के चुनाव, पार्टी की रणनीति, देश के राजनीतिक हालातों की समीक्षा और संगठनात्मक चुनाव एजेंडे का आखिरी हिस्सा होगा।
रणदीप सुरजेवाला, केसी वेणुगोपाल, पवन बंसल, अंबिका सोनी, रजनी पाटिल सहित तमाम दूसरे सदस्य राहुल को फिर से अध्यक्ष बनाये जाने पर जोर देंगे। कार्यसमिति में गांधी परिवार के तीन सदस्य हैं, सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी ऐसे संकेत मिले हैं कि राहुल अथवा प्रियंका बैठक में मौजूद ही न रहें। हालांकि अभी इस पर राहुल और प्रियंका ने कोई अंतिम निर्णय नहीं किया है।
माना जा रहा है कि सीडब्ल्यूसी की इस बैठक में कांग्रेस के नये अध्यक्ष के चुनाव को लेकर किसी तारीख या रूपरेखा को पार्टी नेतृत्व द्वारा अंतिम रूप दिया जा सकता है। पार्टी ने 22 जनवरी को सीडब्ल्यूसी की अपनी बैठक में यह फैसला किया था कि कांग्रेस में जून 2021 तक निर्वाचित अध्यक्ष होगा, लेकिन कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते 10 मई की सीडब्ल्यूसी बैठक में इसे टाल दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान के बीच पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए तथा संगठनात्मक चुनाव कराये जाने चाहिए।
सीडब्ल्यूसी की बैठक ऐसे समय होने जा रही है जब सुष्मिता देव, जितिन प्रसाद, लुईजिन्हो फालेरियो और कई अन्य नेता पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस छोड़कर दूसरे दलों में शामिल हुए हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर भी चर्चा होगी। इन राज्यों में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं।