सीएसआईआर ने विज्ञान के क्षेत्र में संचार और मजबूत करने के लिए नये संस्थान का गठन किया
By भाषा | Published: January 14, 2021 09:20 PM2021-01-14T21:20:41+5:302021-01-14T21:20:41+5:30
नयी दिल्ली, 14 जनवरी केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान की आधारशिला रखी। इसका उद्देश्य विज्ञान के क्षेत्र में संचार को और अधिक मजबूत करना है।
सीएसआईआर(वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद)-एनआईएससीएआईआर (राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं सूचना केंद्र) और सीएसआईआर-एनआईएसटीएडीएस (राष्ट्रीय विज्ञान , प्रौद्योगिकी और विकास अध्ययन संसथान) का विलय करने के बाद इस संस्थान की स्थापना की गई है।
वर्धन ने कहा कि इस विलय का उद्देश्य दोनों संस्थानों की क्षमता का समन्वित करना है ताकि वैश्विक स्तर पर सराहा जाने वला एक थिंक टैंक (विद्वान मंडल) बनाया जा सके तथा विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) तथा संचार को समझने के लिए संसाधन जुटाए जा सके।
वर्धन ने कहा कि एक मजबूत नीति आत्म निर्भर भारत बनाने में अहम भूमिका निभाएगी और इसे एसटीआई के जरिए मूर्त रूप दिया जाएगा।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि नया संस्थान विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान के अपने मूल क्षेत्रों के साथ समाज की सेवा करेगा, जो केविड-19 महामारी के दौरान महत्वपूर्ण साबित होगा।
सीएसआईआर के महानिदेशक शेखर मांडे ने वैज्ञानिकों पर विश्वास जताते हुए कहा कि वे नये संस्थान को नयी ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
सीएसआईआर-एनआईएससीएआईआर, सबसे पुराने राष्ट्रीय विज्ञान पुस्तकालय का प्रबंधन करता है और अंतरराष्ट्रीय मानक श्रृंखला संख्या (आईएसएसएन) भी वितरित करता है। यह राष्ट्रीय ज्ञान संसाधन समूह का संरक्षक है जो सभी प्रमुख प्रकाशकों के 5,000 से अधिक ई-जर्नल, पेटेंट, प्रशस्ति और अन्य डेटाबेस तक पहुंच प्रदान उपलब्ध कराता है।
यह विज्ञान प्रगति और साइंस रिपोर्टर जैसी लोकप्रिय पत्रिकाओं का प्रकाशन भी करता है।
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