विधानसभा चुनाव से पहले कश्मीर में CRPF का होगा पूरा नियंत्रण! जानें अभी भी क्यों उलझा हुआ है गृह मंत्रालय

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: March 21, 2023 17:31 IST2023-03-21T17:26:51+5:302023-03-21T17:31:10+5:30

कश्मीर में आतंकी परिदृश्य में फिलहाल कहीं नजर नहीं आ रहे हैं पर पाकिस्तान के घरेलू हालात को मद्देनजर रखते हुए यह आशंका प्रकट की जा रही है कि पाकिस्तान घरेलू मोर्चे से अपनी जनता का ध्यान हटाने की खातिर कश्मीर में कुछ भी बड़ा प्लान कर सकता है जिससे निपटने की खातिर केरिपुब को तैयार होना होगा।

CRPF will have complete control in Kashmir before assembly elections | विधानसभा चुनाव से पहले कश्मीर में CRPF का होगा पूरा नियंत्रण! जानें अभी भी क्यों उलझा हुआ है गृह मंत्रालय

(फाइल फोटो)

Highlightsभारत सरकार कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों की पूरी कमान केरिपुब को सौंपना चाहती हैसरकार उसके उपरांत ही विधानसभा चुनाव करवाना चाहती हैहालांकि सूत्रों के अनुसार, कश्मीर में आतंकी परिदृश्य में फिलहाल कहीं नजर नहीं आ रहे हैं

जम्मू: पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर राज्य के दो टुकड़े करने और उसकी पहचान खत्म किए जाने की कवायद के चार सालों के बाद कश्मीर के हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं और सुधर चुके हैं कि तस्वीर विश्व समुदाय को दिखाने की खातिर भारत सरकार कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों की पूरी कमान केरिपुब को सौंपना चाहती है और उसके उपरांत ही विधानसभा चुनाव करवाना चाहती है।

हालांकि सूत्रों के अनुसार, कश्मीर में आतंकी परिदृश्य में फिलहाल कहीं नजर नहीं आ रहे हैं पर पाकिस्तान के घरेलू हालात को मद्देनजर रखते हुए यह आशंका प्रकट की जा रही है कि पाकिस्तान घरेलू मोर्चे से अपनी जनता का ध्यान हटाने की खातिर कश्मीर में कुछ भी बड़ा प्लान कर सकता है जिससे निपटने की खातिर केरिपुब को तैयार होना होगा।

यह बात अलग है कि ऐसी चर्चाओं के बाद केरिपुब के वरिष्ठ अधिकारी इसके प्रति खुलासा कर चुके हैं कि उनकी फोर्स पूरा नियंत्रण अपने हाथों में लेने के लिए तैयार है पर खुफिया अधिकारी कहते थे कि सेना और अन्य सुरक्षाबालों की जरूरत फिलहाल खत्म नहीं हुई है। मिलने वाली सूचनाओं के बकौल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कश्मीर में सेना को बदलने के प्रस्ताव को वस्तुतः मंजूरी तो दे दी है पर अभी भी वह इस पर माथापच्ची में उलझा हुआ है कि कहीं उसका यह फैसला हालात के लिए घातक साबित न हो।

अधिकारी कहते थे कि केंद्रीय गृह मंत्रालय में होने वाली माथापच्ची में इस पर मंथन किया गया है कि आतंकवाद से निपटने की पूरी जिम्मेदारी दिए जाने से पहले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को कश्मीर और जम्मू दोनों क्षेत्रों के कुछ जिलों का पूर्ण अधिकारी देकर उसकी परीक्षा ली जाए।

एक अधिकारी के बकौल, विधानसभा चुनावों से पहले संभव इसलिए नहीं लग रहा है क्योंकि खुफिया संस्थाएं आशंका प्रकट करती हैं कि पाकिस्तानी सेना खुन्नस के तौर पर विधानसभा चुनावों में खलल पैदा कर सकती है जिससे निपटने को सेना ही सक्षम मानी जाती है। हालांकि एक प्रस्ताव सेना को बैकअप के तौर पर ही इस्तेमाल किए जाने का भी प्रस्ताव है।

Web Title: CRPF will have complete control in Kashmir before assembly elections

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