कोलकाताः कलकता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन ने पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के कारण बनी हालत के मद्देनजर अदालत में न्यायिक एवं प्रशासनिक कार्य 22 जुलाई तक निलंबित रखने का निर्देश दिया है। इसके बाद 24 जुलाई को भी अदालत में कामकाज नहीं होगा।
महापंजीयक राय चटोपाध्याय ने शनिवार को एक अधिसूचना में यह जानकारी दी। इसमें उन्होंने कहा कि निर्देश के मुताबिक अदालतें बृहस्पतिवार को खुलेंगी। इसमें कहा गया कि यदि इस अवधि में किसी बेहद आवश्यक मामले पर सुनवाई की जरूरत होती है तो याचिकाकर्ता का अधिवक्ता महापंजीयक को पत्र भेज तत्काल सुनवाई के लिए कारण बताए, जिसके बारे में मुख्य न्यायाधीश को सूचित किया जाएगा।
इसमें कहा गया कि मुख्य न्यायाधीश मामला-दर-मामला फैसला ले सकते हैं। हालांकि अदालत संबंधित न्यायाधीश के आवास पर ही बैठेगी। कोरोना वायरस के कारण कलकत्ता उच्च न्यायालय का न्यायिक और प्रशासनिक कार्य 10 जुलाई से निलंबित है और इसे चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जा रहा है।
घबराने की जरूरत नहीं, कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है: पश्चिम बंगाल सरकार
पश्चिम बंगाल सरकार ने शनिवार को कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि राज्य में कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है। मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते कोलकाता या राज्यभर में पूर्ण लॉकडाउन लगाने की संभावना से इनकार किया।
उन्होंने कहा कि निरूद्ध क्षेत्रों में केवल पाबंदियों को कड़ाई से लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल में स्थिति नियंत्रण में है। मृत्यु दर जो पहले अधिक थी अब कम होकर 2.7 प्रतिशत हो गई है, जो राष्ट्रीय औसत 2.5 प्रतिशत के बहुत करीब है।’’
सिन्हा ने कहा कि सरकार ने एक हेल्पलाइन की शुरूआत की है जिसके जरिये घरों में पृथक रहने वाले लोग राय और सुझाव ले सकते हैं। राज्य में इस समय 676 निरूद्ध क्षेत्र हैं और कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए इन क्षेत्रों में पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया है।