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कोरोना से जंग, एम्स में 5 हजार नर्सिंग हड़ताल पर, मरीज परेशान, कड़े एक्शन के निर्देश

By एसके गुप्ता | Updated: December 15, 2020 20:43 IST

एम्स के पांच हजार नर्सिंग कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग कर्मचारी मरीजों को असहाय छोड़कर वार्ड से बाहर निकल गए।

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ठळक मुद्देएम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने महामारी के बीच नर्सों की हड़ताल और वेतन बढ़ोतरी की मांग को अनुचित करा दिया।विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वर्ष 2020 को नर्स व एएनएम का साल घोषित किया है।

नई दिल्लीः एम्स में सभी नर्सिंग स्टाफ के हड़ताल पर जाने से चिकित्सकों के साथ-साथ सबसे ज्यादा परेशानी रोगियों को हो रही है। सोमवार से आईसीयू वार्ड में एक भी नर्सिंग स्टाफ नहीं हैं। 

गंभीर मरीज केवल डॉक्टर और परिजन के सहारे ही हैं। अगर जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया जाता है तो कई मरीजों की जिंदगी पर यह हड़ताल भारी पड़ सकती है। हड़ताल पर अड़े नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स प्रशासन को डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट और दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के तहत कड़े एक्शन के निर्देश दिए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने अपने निर्देश में दो टूक कहा है कि जब हड़तालियों के साथ बातचीत का दौर चल रहा है और उनकी मांगों पर विचार हो रहा है तो राष्ट्रीय आपदा के समय स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा पहुंचाना गलत और असहनीय है। हड़तालियों को रोगियों की पीड़ा का ध्यान करते हुए तुरंत काम पर लौटना चाहिए।

एम्स में नर्स संघ के आह्वान पर करीब 5 हजार नर्सिंग स्टाफ अपनी मांगों को लेकर सोमवार से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि लंबे समय से वह वेतन बढ़ोत्तरी सहित अन्य मांगों को लेकर प्रशासन से बातचीत कर रहे हैं। लेकिन समस्या का समाधान निकालने के स्थान पर लंबे समय से कॉन्ट्रेक्ट पर काम कर रहे नर्सिंग स्टाफ की जगह नई भर्ती प्रक्रिया सोमवार से शुरू कर दी गई। 

एम्स नर्सिंग यूनियन के प्रेजिडेंट हरीश काजला ने कहा कि इस हड़ताल को नर्सिंग स्टाफ 16 दिसंबर से शुरू करने वाला था लेकिन एम्स प्रशासन की ओर से दूसरी कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट बेस पर सोमवार से ही नर्सेज की भर्ती शुरू कर दी गई है। इसलिए तुरंत ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय हुआ। 

नर्सेज के मुताबिक उनकी करीब 23 मांगें हैं, जिनमें कुछ प्रमुख मांगे छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करना और कई साल से कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहीं नर्सेज को पक्का करना है। हरीश काजला ने कहा कि कुछ मांगों को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से स्वीकृति दे दी गई थी। 

लेकिन एम्स प्रशासन उन्हें लागू नहीं कर रहा है। कई बार एम्स प्रशासन से बात भी हुई लेकिन प्रशासन के कान पर जूं नहीं रेंग रही है।एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने विडियो जारी कर कहा है कि मुझे कोरोना के इस दौर में एम्स परिवार की तरफ से किए गए काम पर बेहद गर्व है।

पूरे देश को एम्स पर गर्व है। दुर्भाग्यवश इस महामारी के समय में एम्स का नर्सिंग स्टाफ हड़ताल पर चला गया है। नर्सिंग स्टाफ से अपील है कि वह काम पर वापस लौट आएं। जैसे फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने कहा था कि सच्चे नर्स कभी अपने मरीजों को नहीं छोड़ते वैसे ही उम्मीद है कि एम्स के सच्चे नर्स अपने मरीजों को नहीं छोड़ेंगे।

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