चीन में 82 और 76 फीसदी तो भारत में केवल 51 और 22 फीसदी को मिली कोविड वैक्सीन की पहली और दूसरी खुराक
By विशाल कुमार | Published: October 24, 2021 09:17 AM2021-10-24T09:17:05+5:302021-10-24T09:19:33+5:30
दुनियाभर में टीकाकरण के रुझानों का आंकलन करने वाले ब्लूमबर्ग ट्रैकर के अनुसार, चीन की 82 फीसदी जनसंख्या को कम से कम पहली खुराक और 76 फीसदी को दूसरी खुराक मिल चुकी है, जो कि 1.1 का अनुपात है. वहीं अमेरिका में यह संख्या क्रमश: 66.2 और 57.3 फीसदी है जो कि 1.15 का अनुपात है.
नई दिल्ली:भारत दुनिया में दूसरा ऐसा देश बन गया है जो अपने नागरिकों को एक अरब कोविड-19 वैक्सीन लगा चुका है लेकिन जनसंख्या के अनुपात में पहली और दूसरी खुराक के बीच अंतर भारत में सबसे अधिक है.
दुनियाभर में टीकाकरण के रुझानों का आंकलन करने वाले ब्लूमबर्ग ट्रैकर के अनुसार, चीन की 82 फीसदी जनसंख्या को कम से कम पहली खुराक और 76 फीसदी को दूसरी खुराक मिल चुकी है, जो कि 1.1 का अनुपात है. वहीं अमेरिका में यह संख्या क्रमश: 66.2 और 57.3 फीसदी है जो कि 1.15 का अनुपात है.
वहीं, यूरोपीय देशों में पहली खुराक पाने वालों की संख्या 69 फीसदी और दूसरी खुराक वालों की संख्या 66 फीसदी है और यहां अनुपात 1.04 का है.
हालांकि, भारत में यह अनुपात दोगुना से भी ज्यादा 2.4 का है जहां 51 फीसदी लोगों को पहली खुराक तो मात्र 21.9 फीसदी लोगों को दूसरी मिल पाई है.
विशेषज्ञों का मानना है कि इसके लिए जिम्मेदार सबसे महत्वपूर्ण कारक कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच लंबा अंतर है जिसकी 88 फीसदी खुराक भारत में लगी है.
कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच 12-16 सप्ताह (84 से 120 दिन) का अंतर दुनिया में सबसे अधिक है.
फाइजर और मॉडर्ना टीके के दो खुराकों के बीच का अंतर चार सप्ताह है और एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को ब्रिटेन में आठ सप्ताह के अंतराल पर दिया जाता है.