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फ्लू की तरह कोविड-19 भी पीढ़ियों तक रहेगा साथ, इस वजह से दूसरी लहर में तेजी से फैला संक्रमण

By भाषा | Updated: May 27, 2021 17:36 IST

प्रोफेसर जी वी एस मूर्ति ने कहा कि फ्लू की तरह कोविड-19 पीढ़ियों तक यहां रहेगा। प्रोफेसर मूर्ति ने कहा कि विभिन्न राज्यों से उपलब्ध आंकड़ों से यह पता चलता है कि जून के अंत तक दक्षिण और पश्चिम भारत में कोविड-19 के मामलों में कमी देखने को मिल सकती है।

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बेंगलुरु:  इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ-हैदराबाद के प्रोफेसर जी वी एस मूर्ति ने कहा कि फ्लू की तरह कोविड-19 पीढ़ियों तक यहां रहेगा। प्रोफेसर मूर्ति ने कहा कि विभिन्न राज्यों से उपलब्ध आंकड़ों से यह पता चलता है कि जून के अंत तक दक्षिण और पश्चिम भारत में कोविड-19 के मामलों में कमी देखने को मिल सकती है।

उन्होंने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘उत्तर और पूर्वी भारत में जुलाई के मध्य तक संक्रमण के मामलों में कमी देखने को मिल सकती है।’’ उनके मुताबिक, महामारी के दौरान राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक सभाओं को बहुत जल्दी अनुमति देना कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमण के तेजी से फैलने की मुख्य वजह रही।

प्रोफेसर मूर्ति ने कहा कि कोविड-19 लंबे वक्त तक यहां रहने वाला है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई संक्रमण समुदाय के सामने आता है तो वह धीरे-धीरे फैलता है और फिर स्थानीय स्तर पर संक्रमण बढ़ जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘फ्लू हमारे साथ पीढ़ियों से है और यही कोविड-19 के साथ भी होगा।’’ प्रोफेसर मूर्ति का मानना है कि जब भी इस संक्रमण के लिहाज से संवेदनशील लोग बड़ी संख्या में जुटेंगे तो यह महामारी फैलेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि कोविड-19 संक्रमण के बाद रोग प्रतिरोधक शक्ति केवल तीन से छह महीने की छोटी अवधि के लिए ही रहती है जिसके बाद उसी व्यक्ति के फिर से संक्रमण की चपेट में आने की आशंका होती है। हमने देखा कि कुछ मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय नेता दूसरी बार भी संक्रमित हो रहे है इसलिए किसी में भी स्थायी रूप से रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि कोविड-19 की अगली लहर आने में पांच से छह महीने लगेंगे और तब तक लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता एक बार फिर खत्म हो जाएगी। प्रोफेसर मूर्ति ने कहा, ‘‘अत: नवंबर एक बार फिर चिंताजनक वक्त हो सकता है।’’ महामारियों में बुजुर्ग लोग सबसे पहले मरते हैं लेकिन हर बार आती लहर में अधेड़ उम्र और बच्चों समेत युवा लोग अधिक संक्रमित होते हैं। उन्होंने कहा कि अगली लहर का यही खतरा है।

प्रोफेसर मूर्ति ने कहा, ‘‘अगर देश में 30 साल से अधिक आयु के 80 प्रतिशत से अधिक लोगों को नवंबर तक टीका लग जाता है तो हम कोरोना वायरस को फैसले से रोकने की प्रभावी चुनौती दे सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि अगर हम खतरा कम करना चाहते हैं तो फरवरी 2022 तक बड़ी संख्या में लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध जारी रखने की जरूरत है। स्कूल और कार्यालय पर्याप्त एहतियात के बाद खोले जा सकते हैं। 

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