अदालत ने घूसखोर उप निरीक्षक को पांच साल की सजा सुनाई, रिश्वत देने वाले को भी बराबर सजा

By भाषा | Published: November 30, 2019 05:21 PM2019-11-30T17:21:30+5:302019-11-30T17:21:30+5:30

पुलिस पूछताछ में सामने आया था कि ऋषिराज ने सुज्जन को भगाने के बदले 60 हजार रुपये पहले ही ले लिये थे, 45 हजार रुपये की रिश्वत की बकाया रकम लेकर कमल मध्यप्रदेश से जींद पहुंचा था। एक लाख रुपये की रिश्वत का खुलासा होने के बाद पुलिस ने उप निरीक्षक ऋषिराज की निशानदेही पर रिश्वत की राशि बरामद कर ली थी।

Court sentenced bribery sub inspector to five years, equal punishment to bribe holder | अदालत ने घूसखोर उप निरीक्षक को पांच साल की सजा सुनाई, रिश्वत देने वाले को भी बराबर सजा

अदालत ने घूसखोर उप निरीक्षक को पांच साल की सजा सुनाई, रिश्वत देने वाले को भी बराबर सजा

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय पराशर की अदालत ने एक लाख पांच हजार रुपये की रिश्वत लेकर चूरापोस्त सप्लायर को भगाने के जुर्म में तत्कालीन उप निरीक्षक को शुक्रवार को पांच साल की कैद तथा दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाने के साथ ही रिश्वत देने वाले व्यक्ति को भी पांच वर्ष कैद तथा पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

जुर्माना न भरने पर दोनों दोषियों को दो-दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन पक्ष के अनुसार सदर थाना के तत्कालीन प्रभारी धर्मबीर ने 29 दिसंबर 2015 को पुलिस को शिकायत में बताया था कि सदर थाना पुलिस ने 23 दिसंबर को गांव अमरहेड़ी के निकट ट्रक से 45 किलोग्राम चूरा पोस्त बरामद कर ट्रक चालक गांव बधाना निवासी सुरेश को गिरफ्तार किया था।

पुलिस पूछताछ में सप्लायर गांव अकली जिला आगर मालवा मध्य प्रदेश निवासी सुज्जन का नाम उभर कर सामने आया था। पुलिस ने सुज्जन को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया था। जिसकी जांच सब इंस्पेक्टर ऋषिराज को सौंपी गई थी। ऋषिराज ने 28 दिसंबर को सुज्जन को भगा दिया था। इसके बदले में ऋषिराज ने एक लाख रुपये की रिश्वत सुज्जन के भाई कमल से ली थी।

इस रकम का एक हिस्सा लेकर कमल जब जींद पहुंचा तो पुलिस ने छापेमारी कर उसे काबू कर लिया था। पुलिस पूछताछ में सामने आया था कि ऋषिराज ने सुज्जन को भगाने के बदले 60 हजार रुपये पहले ही ले लिये थे, 45 हजार रुपये की रिश्वत की बकाया रकम लेकर कमल मध्यप्रदेश से जींद पहुंचा था। एक लाख रुपये की रिश्वत का खुलासा होने के बाद पुलिस ने उप निरीक्षक ऋषिराज की निशानदेही पर रिश्वत की राशि बरामद कर ली थी।

पुलिस ने कमल को रिश्वत देने और ऋषिराज के खिलाफ डयूटी में लापरवाही बरतने के अलावा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय पराशर की अदालत ने शुक्रवार शाम तत्कालीन उप निरीक्षक ऋषिराज को पांच साल व कमल को भी पांच साल कैद की सजा सुनाई। दोनों पर क्रमश: 10 और पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माना न भरने पर दोनों दोषियों को दो-दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। 

Web Title: Court sentenced bribery sub inspector to five years, equal punishment to bribe holder

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