न्यायालय ने रियल एस्टेट के विनियमन संबंधी पश्चिम बंगाल का कानून निरस्त किया

By भाषा | Updated: May 4, 2021 14:26 IST2021-05-04T14:26:35+5:302021-05-04T14:26:35+5:30

Court repeals West Bengal law governing real estate | न्यायालय ने रियल एस्टेट के विनियमन संबंधी पश्चिम बंगाल का कानून निरस्त किया

न्यायालय ने रियल एस्टेट के विनियमन संबंधी पश्चिम बंगाल का कानून निरस्त किया

नयी दिल्ली, चार मई उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में रियल एस्टेट क्षेत्र के विनियमन संबंधी राज्य के कानून को मंगलवार को निरस्त कर दिया और कहा कि यह कानून ‘‘असंवैधानिक’’ है, क्योंकि यह केंद्र के रियल एस्टेट (विनियमन एवं विकास) कानून (रेरा) का अतिक्रमण करता है।

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल आवासीय उद्योग विनियमन कानून, 2017 घर क्रेताओं के लिए अहम सुरक्षा उपायों को शामिल करने में नाकाम रहा है।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि पश्चिम बंगाल आवासीय उद्योग विनियमन कानून, 2017 केंद्र के रेरा से काफी हद तक मिलता-जुलता है और इसलिए यह संसद के कानून के साथ विरोध की स्थिति पैदा करता है।

फैसले में कहा गया, ‘‘राज्य के कानून ने संसद के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण किया है।’’

अदालत ने कहा कि आज के फैसले से पहले राज्य कानून के तहत घर खरीद चुके क्रेताओं को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उनका पंजीकरण एवं अन्य कानून वैध रहेंगे।

न्यायालय ने घर खरीदने वालों के संघ ‘फोरम फॉर पीपल्स कलेक्टिव एफर्ट्स’ की उस याचिका पर यह फैसला सुनाया, जिसमें पश्चिम बंगाल उद्योग विनियमन कानून, 2017 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए फैसला सुनाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के कानून के मूलभूत बिंदु केंद्र के रेरा की शब्दश: नकल हैं।

पीठ ने इस मामले में लंबा फैसला पारित हुए कहा कि पश्चिम बंगाल का यह कानून समवर्ती सूची के छठी एवं सातवीं प्रविष्टि को छूता है, जिनमें संसद द्वारा पारित कानून का दखल है और राज्य का यह कानून एक समानांतर व्यवस्था पैदा करता है।

पीठ ने कहा कि पश्चिम बंगाल के रियल एस्टेट के विनियमन संबंधी कानून के प्रावधान दर्शाते हैं कि इस कानून और रेरा के बीच विरोध की स्थिति है।

उसने कहा, ‘‘राज्य का यह कानून पूरी तरह असंवैधानिक है।’’

पीठ ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल का यह कानून प्रत्यक्ष रूप से रेरा के साथ विरोध की स्थिति पैदा करता है और इसमें घर क्रेताओं के लिए अहम कोई सुरक्षा उपाय नहीं किए गए हैं।’’

उसने कहा कि वह यह फैसला सुनाने के लिए अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर रही है कि उसके इस निर्णय से पहले राज्य के कानून के तहत किए गए संपत्ति के पंजीकरण वैध रहेंगे।

शीर्ष अदालत ने याचिका की सुनवाई के दौरान सवाल किया था कि क्या कोई राज्य सहकारी संघवाद के नाम पर समवर्ती सूची के तहत उसी विषय पर कानून लागू कर सकता है, जिस पर संसद ने कानून पारित किया हो।

उसने टिप्पणी की थी कि केंद्र का रेरा और पश्चिम बंगाल का रियल एस्टेट विनियमन कानून घर क्रेताओं को राहत देने और रियर एस्टेट क्षेत्रों को प्रोत्साहित करने की बात करता है, लेकिन राज्य के कानून के कुछ प्रावधान संसद में पारित कानून के प्रत्यक्ष विरोधाभासी हैं।

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Web Title: Court repeals West Bengal law governing real estate

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