कोविड टीकों की बर्बादी पर अदालत नाराज
By भाषा | Published: April 20, 2021 04:56 PM2021-04-20T16:56:13+5:302021-04-20T16:56:13+5:30
नयी दिल्ली, 20 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड टीकों की "भारी बर्बादी" पर मंगलवार को नाराजगी जतायी और केंद्र से कहा कि जो कोई टीका लगवाना चाहता हो, उसे टीका लगाया जाना चाहिए ताकि इसकी बर्बादी नहीं हो।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि खबरों के अनुसार रोज छह प्रतिशत टीके बर्बाद हो रहे हैं और अब तक 10 करोड़ में से 44 लाख टीके बर्बाद हो चुके हैं। टीकों की सबसे अधिक बर्बादी तमिलनाडु में हुयी है।
अदालत ने केंद्र से कहा, "यह बहुत बड़ी बर्बादी है। यह टीका उन्हें दें जो लोग इसे लगवाना चाहते हैं। आप जिस किसी का भी टीकाकरण कर सकते हैं, उसे टीका लगाएं। चाहे 16 साल का व्यक्ति हो या 60 साल का, सब को टीकाकरण की जरूरत है। महामारी भेदभाव नहीं करती।’’
पीठ ने कहा कि इस बार युवा अधिक प्रभावित हो रहे हैं और कई युवाओं की जान जा चुकी है।
अदालत ने कहा कि यदि दिन के अंत में, शीशी में कुछ खुराकें बाकी हैं तो उन्हें जरूरतमंद लोगों को दिया जाए। भले ही ऐेसे व्यक्ति टीकाकरण के लिए निर्धारित श्रेणी में नहीं आते हों।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।