Coronavirus: घर पहुंचने के बाद मजदूरों, छात्रों की ड्रोन और ऐप से होगी निगरानी, राज्यों को दी गई ये सलाह

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 3, 2020 06:43 AM2020-05-03T06:43:50+5:302020-05-03T06:50:44+5:30

राज्यों ने कहा है कि अगर व्यक्ति को किसी तरह की भी समस्या नहीं है और उसकी सामाजिक जमानत कोई देता है तो क्या ऐसे व्यक्तियों को होम क्वारंटाइन नहीं रखा जा सकता है. जिसके बाद राज्यों को स्पष्ट किया गया है कि ऐसे मामलों में संबंधित व्यक्ति की निगरानी के लिए ऐप या ड्रोन का इस्तेमाल किया जाए.

Coronavirus: Workers, students will be monitored by drone and app after reaching home | Coronavirus: घर पहुंचने के बाद मजदूरों, छात्रों की ड्रोन और ऐप से होगी निगरानी, राज्यों को दी गई ये सलाह

घर लौटे प्रवासियों की निगरानी के लिए ड्रोन और एप की सहायता लेने की सलाह राज्यों को दी गई है.

Highlightsविशेष रेलगाडि़यों से अपने घर पहुंचने के बाद भी निगरानी में रहेंगे. ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसको किसी भी तरह के बुखार, खांसी, स्वाद नहीं लगने के लक्षण होंगे वह अपने घर नहीं जा पाएंगे.

नई दिल्ली: अलग प्रदेशों में फंसे मजदूर और छात्र सरकार की ओर से चलाए जाने वाली विशेष रेलगाडि़यों से अपने घर पहुंचने के बाद भी निगरानी में रहेंगे. ऐसे मजदूर, छात्र या तीर्थयात्री जिनको क्वारंटाइन या घर पर ही एकांतवास का निर्देश दिया जाएगा, उनकी नियमित निगरानी की जाएगी. इसके लिए राज्यों को ड्रोन और ऐप का उपयोग करने की सलाह दी गई है.

एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसको किसी भी तरह के बुखार, खांसी, स्वाद नहीं लगने के लक्षण होंगे वह अपने घर नहीं जा पाएंगे. उन्होंने बताया कि जब ये लोग अपने शहरों तक पहुंचेंगे तो इनकी एक बार फिर से जांच होगी और इनमें से अधिकतर को संस्थागत या घर पर ही क्वारंटाइन के नियम का अनुपालन करना पड़ेगा. ऐसे में इनकी निगरानी के लिए ड्रोन और ऐप की सहायता लेने की सलाह राज्यों को दी गई है.

इसके साथ ही संबंधित गांव के मुखिया या पंचायत प्रमुख को भी यह जिम्मेदारी दी जाएगी कि वह यह निगरानी बनाए रखे कि बाहर से आया व्यक्ति कहीं होम क्वारंटाइन के नियम की अवेहलना तो नहीं कर रहा है. परिवार और गांव के लोगों की जिम्मेदारी एक अधिकारी ने कहा कि हालांकि अधिकतर लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन में ही रखने पर सहमति बनी है.

लेकिन कुछ राज्यों ने कहा है कि अगर व्यक्ति को किसी तरह की भी समस्या नहीं है और उसकी सामाजिक जमानत कोई देता है तो क्या ऐसे व्यक्तियों को होम क्वारंटाइन नहीं रखा जा सकता है. जिसके बाद राज्यों को स्पष्ट किया गया है कि ऐसे मामलों में संबंधित व्यक्ति की निगरानी के लिए ऐप या ड्रोन का इस्तेमाल किया जाए. उसके परिवार और गांव के लोगों को भी इसके लिए जिम्मेदारी के दायरे में लाया जाए.

Web Title: Coronavirus: Workers, students will be monitored by drone and app after reaching home

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