लाइव न्यूज़ :

Coronavirus: ऐसे हालात में सरकार से एक विशेष तरीके से काम करने को नहीं कहा जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

By भाषा | Updated: April 22, 2020 05:46 IST

मौजूदा हालात का उल्लेख करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘ऐसे हालात हैं जहां हम यह नहीं कह सकते कि कोई कार्य इस तरह से किया जाए या उस तरह से किया जाए। आपके पास सुझाव हैं और आप उन्हें सरकार के विचारार्थ उसके समक्ष रख सकते हैं।’’

Open in App
ठळक मुद्देउच्चतम न्यायालय ने लॉकडाउन के दौरान गरीबों और बेघरों को तत्काल राहत देने की मांग वाली जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए मंगलवार को कहा कि ऐसे हालात नहीं हैं कि वह सरकार को एक विशेष तरीके से काम करने के लिए निर्देश दे सके। पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता और सामाजिक कार्यकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस का पक्ष सुनने के बाद जनहित याचिका का निस्तारण कर दिया।

उच्चतम न्यायालय ने लॉकडाउन के दौरान गरीबों और बेघरों को तत्काल राहत देने की मांग वाली जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए मंगलवार को कहा कि ऐसे हालात नहीं हैं कि वह सरकार को एक विशेष तरीके से काम करने के लिए निर्देश दे सके।

न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सामाजिक कार्यकर्ता अग्निवेश की जनहित याचिका पर सुनवाई की जिसमें बंद के दौरान गरीबों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों के लिए राहत की मांग की गयी थी।

पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता और सामाजिक कार्यकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस का पक्ष सुनने के बाद जनहित याचिका का निस्तारण कर दिया।

सुनवाई के दौरान गोंजाल्विस ने कहा कि एक आवेदन दाखिल किया गया है और दलील दी गयी है कि कई राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों ने खाद्य वितरण के लिए आंगनवाड़ी योजना पुन: शुरू नहीं की है।

याचिका में कहा गया कि स्तनपान कराने वाली माताएं और उनके नवजात शिशुओं को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत भोजन दिया जाना चाहिए।

मौजूदा हालात का उल्लेख करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘ऐसे हालात हैं जहां हम यह नहीं कह सकते कि कोई कार्य इस तरह से किया जाए या उस तरह से किया जाए। आपके पास सुझाव हैं और आप उन्हें सरकार के विचारार्थ उसके समक्ष रख सकते हैं।’’

टॅग्स :कोरोना वायरससीओवीआईडी-19 इंडियाकोरोना वायरस इंडियासुप्रीम कोर्टमोदी सरकारलोकमत हिंदी समाचार
Open in App

संबंधित खबरें

भारत32000 छात्र ले रहे थे शिक्षा, कामिल और फाजिल की डिग्रियां ‘असंवैधानिक’?, सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद नए विकल्प तलाश रहे छात्र

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतसंचार साथी ऐप में क्या है खासियत, जिसे हर फोन में डाउनलोड कराना चाहती है सरकार? जानें

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारत अधिक खबरें

भारतमहाराष्ट्र शीतकालीन सत्र: चाय पार्टी का बहिष्कार, सदनों में विपक्ष के नेताओं की नियुक्ति करने में विफल रही सरकार

भारतगोवा अग्निकांड: मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, सीएम प्रमोद सावंत ने ₹5 लाख मुआवज़े की घोषणा की

भारतसतत निगरानी, सघन जांच और कार्रवाई से तेज़ी से घटा है नक्सली दायरा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारतयूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में योगी सरकार लाएगी 20,000 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट, 15 दिसंबर हो सकता है शुरू

भारतकांग्रेस के मनीष तिवारी चाहते हैं कि सांसदों को संसद में पार्टी लाइन से ऊपर उठकर वोट देने की आजादी मिले, पेश किया प्राइवेट मेंबर बिल