दिल्ली में कम टेस्टिंग पर केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन चिंतित, कहा- इसे बढ़ाएं और हर कोने में फ्लू, फीवर क्लिनिक भी बनाएं
By एसके गुप्ता | Published: June 5, 2020 05:36 AM2020-06-05T05:36:38+5:302020-06-05T05:36:38+5:30
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने गुरूवार को दिल्ली के उपराज्यपाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दिया है।
नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने दिल्ली में अचानक से बढ़े कोरोना पॉजिटिव रोगियों की संख्या और मृत्यु पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि दिल्ली में लोग अनलॉक 1.0 में फिजिकल डिस्टेंसिंग नियम पालन में लापरवाही बरत रहे हैं। यही कारण है कि यहां बड़ी संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल और स्वास्थ्य मंत्री को सलाह दी है कि इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) और सीविएर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस (एसएआरआई) के रोगियों का शीघ्र पता लगाया जाए।
दिल्ली के सभी कोनों में स्थित स्वास्थ्य केन्द्रों में फ्लू और फीवर क्लिनिक बनाए जाएं। कोरोना सर्विलांस के लिए आरोग्य सेतु एप के का इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाए। रोगियों और उनके परिवार जनों को किसी तरह के अप्रिय व्यवहार से बचाने के लिए सही दिशा में जन जागरूगता अभियान चलाया जाए। दिल्ली में एक दिन में रिकॉर्ड 1513 केस दर्ज हुए हैं। महाष्ट्र ओर गुजरात के बाद दिल्ली तीसरा ऐसा राज्य है जहां सबसे ज्यादा लोग कोरोना से मर रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने गुरूवार को दिल्ली के उपराज्यपाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दिया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी उपस्थित थे।
हर्षवर्धन ने कहा कि दिल्ली में गैर कोविड रोगियों को उपचार मिले इसके लिए यह जरूरी है कि जल्द से जल्द यहां आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल किया जाए। डा. हर्षवर्ध ने कहा कि दिल्ली के सभी जिले कोविड-19 से प्रभावित हैं। कई जिलों में कोविड-19 की कम जांच चिंताजनक है। दिल्ली में 10 लाख की जनसंख्या पर औसतन 2018 जांच हो रही है। लेकिन कुछ जिलों जैसे कि उत्तर-पूर्व में 10 लाख जनसंख्या पर जांच का औसम मात्र 517 ही है। दक्षिण-पूर्व जिले में 10 लाख की जनसंख्या पर 506 लोगों की जांच हो रही है। कोरोना में यह टेस्टिंग बहुत कम है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में पुष्ट रोगियों की दर पिछले सप्ताह 25.7 फीसदी थी जबकि कुछ जिलों में यह 38 फीसदी से अधिक रही है। स्वास्थ्य कर्मियों में संक्रमण की अधिक दर भी गंभीर मुद्दा है। इससे संक्रमण के बचाव की असंतोषजनक स्थिति का पता चलता है। स्वास्थ्य देखभाल स्थलों पर नियंत्रण के उपायों की स्थिति भी अच्छी नहीं है। इस पर शीघ्र ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
डा. हर्षवर्धन ने उपराज्यपाल अनिल बैजल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से कहा कि वर्तमान मामलों की बढ़ती संख्या और रोगियों के अस्पताल में दाखिले में देरी के मद्देनजर बिस्तरों की उपलब्धता तेजी से बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में काफी संख्या में कोरोना पॉजिटिव लोग होम क्वारंटाइन हैं। जिन्हें बेहतर उपचार और बचाव के लिए आवश्यक स्तर के विशेष कोविड सुविधा स्वास्थ्य केन्द्रों में समय पर भेजे जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि बुजुर्गों और अन्य बीमारियों से पहले से ग्रस्त कमजोर रोगियों की पहचान और उनके बचाव पर जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जहां घर में पृथकवास प्रभावी रूप से नहीं हो सकता तो बड़े कलस्टर में कमजोर रोगियों के संस्थागत क्वारंटिन का प्रावधान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक सामूहिक जंग है और हमे दिल्ली सरकार को उसके प्रयासों में सहयोग और मदद देनी है।