गृह मंत्रालय के तीसरे चरण के लॉकडाउन को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुयी है, यहां तक कि स्थानीय प्रशासन भी असमंजस में है। विभिन्न ज़ोन में क्या खुला रखा जाये और क्या नहीं, लोगों के बीच उठने वाले सवालों का संज्ञान लेते हुये कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से पूछा कि वह देश को साफ़-साफ़ बतायें कि 4 मई से तीसरे चरण का लॉकडाउन क्या अंतिम लॉकडाउन है या अभी चौथे और पांचवें चरण का भी लॉकडाउन होगा।
दिल्ली और उससे सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा को रेड ज़ोन में रखा गया है जिसके लिये कुछ रियायतों की घोषणा केंद्र सरकार ने की हैं, बाबजूद इसके स्थानीय प्रशासन उहापोह की स्थिति में है। नतीज़तन, अभी तक प्रशासन ने कोई साफ़ निर्देश जारी नहीं किये हैं वहीं नोएडा प्राधिकरण ने कोरोना की जंग को किनारे रख कर प्लाटों के आवंटन की प्रक्रिया पर कार्य शुरू कर दिया हैं।
केंद्र द्वारा रेड ज़ोन की जिस तरह व्याख्या की गयी है उसके अनुसार कुछ सेक्टर ही कोरोना से प्रभावित हैं लेकिन स्थानीय अधिकारीयों ने पूरे नोएडा को ही रेड ज़ोन घोषित कर दिया है। राम भरोसे चल रही व्यवस्था से जुड़े सवालों को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार से 5 सवाल पूछ कर मोदी से उनके जबाब मांगे।
कांग्रेस ने सरकार से यह साफ़ करने कहा कि तीसरे लॉकडाउन के पीछे क्या लक्ष्य है और सरकार की क्या रणनीति है। क्या 17 मई के बाद लॉकडाउन पूरी तरह समाप्त हो जायेगा अथवा फिर कोई लॉकडाउन होगा। देश को पूरी तरह लॉकडाउन से मुक्ति कब मिलेगी। लॉकडाउन के बाद देश और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये सरकार ने क्या योजना तैयार की है। एमएसएमई के लिये क्या सरकार आर्थिक पैकेज घोषित करेगी। गरीबों, मजदूरों, पेंशन पा रहे लोगों व अन्य के खातों में 7 हज़ार 500 रुपये डालने के कांग्रेस के सुझाव पर सरकार क्या निर्णय ले रही है।
20 हज़ार करोड़ के सौन्द्रीयकरण परियोजना, बुलेट ट्रेन सहित फ़िज़ूल खर्ची की अन्य परियोजनाओं को रोक कर इस धन राशि से कोरोना की जंग के लिये सरकार व्यवस्था क्यों नहीं करती। कोरोना की जंग हक़ीक़त में राज्य लड़ रहे हैं, उनको केंद्र आर्थिक मदद क्यों नहीं दे रहा।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस अनेक सुझाव सरकार को दे चुकी हैं, अब सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उसका संज्ञान ले।
परिवहन, उड्डयन, टैक्सटाइल सहित अन्य उद्योगों को पटरी पर वापस लाने तथा लॉकडाउन के कारण जो आर्थिक चोट पहुंची है उसके लिये सरकार की क्या योजना है, सरकार साफ़ करे। इन तमाम मुद्दों पर सरकार के स्पष्टीकरण के बाद ही उहापोह की स्थिति समाप्त हो सकेगी।