Coronavirus: Oxford यूनिवर्सिटी के भारतीय मूल के प्रोफेसर ने किया कोविड-19 पर अध्ययन का नेतृत्व, कही जरूरी बात
By भाषा | Published: March 25, 2020 11:15 PM2020-03-25T23:15:08+5:302020-03-25T23:15:08+5:30
विश्वविद्यालय के नए अध्ययन में कहा गया है कि हो सकता है कि ब्रिटेन में वायरस मध्य जनवरी से फैल रहा हो, पहला मामला सामने आने से लगभग दो सप्ताह पहले और पहली मौत से एक महीने पहले और हो सकता है कि यह लगभग आधी आबादी को पहले ही संक्रमित कर चुका हो।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के भारतीय मूल के एक प्रोफेसर ने कोविड-19 के विश्लेषण के लिए किए गए एक नए अध्ययन का नेतृत्व किया है जिससे संकेत मिला है कि कोरोना वायरस के संपर्क में आने वाले लोगों में से ज्यादातर लोग या तो इससे कम प्रभावित हुए हैं या फिर बीमार नहीं पड़े हैं ।
सुनेत्र गुप्ता ने अन्य सहकर्मियों के साथ इस अध्ययन को अंजाम दिया। गुप्ता ने कहा, ‘‘चाहे 100 में से एक व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार पड़ता हो तब भी आपको 35 प्रतिशत रोग प्रतिरोधक क्षमता और हासिल करने की आवश्यकता है।’’
विश्वविद्यालय के नए अध्ययन में कहा गया है कि हो सकता है कि ब्रिटेन में वायरस मध्य जनवरी से फैल रहा हो, पहला मामला सामने आने से लगभग दो सप्ताह पहले और पहली मौत से एक महीने पहले और हो सकता है कि यह लगभग आधी आबादी को पहले ही संक्रमित कर चुका हो।
प्रोफेसर गुप्ता और उनकी टीम ने कहा कि इस बारे में बेहतर सूचना की आवश्यकता है कि आबादी के कितने प्रतिशत लोग संवेदनशील हैं।