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उत्तर प्रदेश में कोरोना से एक ही दिन में दूसरी मौत, अब मेरठ के मरीज ने तोड़ा दम, UP में अबतक 105 पॉजिटिव केस

By स्वाति सिंह | Updated: April 1, 2020 16:17 IST

उत्तर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमित लोगों की संख्या 105 के पार पहुंच गयी है। स्वास्थ्य निदेशालय से मंगलवार को मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के बरेली में कोविड-19 संक्रमण के पांच और नोएडा तथा गाजियाबाद में एक—एक मामला सामने आया है।

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ठळक मुद्देकोरोना वायरस से उत्तर प्रदेश के मेरठ में बुधवार को 72 साल के वृद्ध की मौत हो गई।उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के बाद यह दूसरी मौत मेरठ में है।

लखनऊ: कोरोना वायरस से संक्रमित 72 वर्षीय एक व्यक्ति की बुधवार को उत्तर प्रदेश के मेरठ मेडिकल कालेज में मौत हो गई वहीं महाराष्‍ट्र के अमरावती आए एक युवक की हालत गंभीर बताई जा रही है। मेरठ में कोरोना से मौत का यह पहला मामला है।

पीटीआई के मुताबिक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजकुमार ने मौत की पुष्टि करते हुए बताया है कि बुज़ुर्ग अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती थे। उनके दामाद से उन्हें इस बीमारी का संक्रमण हुआ। ससुराल आए युवक के संक्रमित होने की 27 मार्च को पुष्टि हुयी थी।

इसके अगले दिन पत्‍नी, तीन सालों व ससुर के भी संक्रमित होने की पुष्टि हुयी। सभी मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में भर्ती हैं। मृतक के परिवार के अन्य सदस्य मेडिकल कॉलेज में ही कोरोना वार्ड में भर्ती हैं। इस तरह मेरठ में कोरोना के जो 19 मामले पाए गए हैं, उनमें 17 एक ही खानदान से संबंधित है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमित लोगों की संख्या 105 के पार पहुंच गयी है। स्वास्थ्य निदेशालय से मंगलवार को मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के बरेली में कोविड-19 संक्रमण के पांच और नोएडा तथा गाजियाबाद में एक—एक मामला सामने आया है। इसके साथ ही मरीजों की संख्या 103 हो गयी है। इनमें नोएडा के सबसे ज्यादा 39 मामले शामिल हैं। इसके अलावा मेरठ में 19, आगरा में 11, लखनऊ में नौ, गाजियाबाद में आठ, बरेली में छह, वाराणसी और पीलीभीत में दो—दो, लखीमपुर खीरी, कानपुर, मुरादाबाद, शामली, जौनपुर, बागपत और बुलंदशहर में एक—एक मामला सामने आया है। इन मरीजों में से 17 पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। 

इनमें आगरा के आठ, नोएडा के छह, गाजियाबाद के दो और लखनऊ का एक मरीज शामिल है। इस बीच, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने संवाददाताओं को बताया कि कोविड-19 संक्रमण के ये मामले कुल 75 में से 15 जिलों से आये हैं। इनमें भी 50 प्रतिशत से ज्यादा प्रकरण केवल नोएडा और मेरठ से हैं। उन्होंने बताया कि इस समय हम बहुत महत्वपूर्ण दौर में प्रवेश कर रहे हैं। गत 17 मार्च को देश में कोविड-19 संक्रमितों की संख्या 100 से कुछ ज्यादा थी। अगले 12 दिनों में वह 100 से एक हजार तक पहुंची। अब 105 की संख्या के बाद का दौर बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर हम हाथ धोने और मेलजोल से दूर रहने का प्रोटोकाल बनाये रखते हुए अगले 14 दिन सतर्कता बरतते हैं तो हमारे यहां मामलों की संख्या बहुत कम रहेगी। प्रसाद ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि 105 से बाद वाले चरण में उसमें हमारे मामले बहुत कम बढ़ें।

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिये हैं कि एक—एक जिले में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को प्रभारी बनाया जाए, जिनकी निगरानी में अगले एक माह तक कार्यक्रम हो। इस सिलसिले में जो तीन हॉटस्पॉट (अतिप्रभावित क्षेत्र), नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ में एक—एक वरिष्ठ अधिकारी को तैनात कर दिया गया है जो अगले 15 दिन या एक महीने तक कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये हो रहे काम की निगरानी करेंगे।’’ 

उन्होंने कहा कि चूंकि नोएडा कोविड-19 संक्रमण का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट था, इसलिये मुख्यमंत्री ने ग्रेटर नोएडा के मुख्य अधिशासी अधिकारी नरेन्द्र भूषण को जिम्मेदारी दी है। अब सभी प्राधिकरण, नगर निकाय उनके निर्देशन में काम करेंगे और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में पूरे तालमेल से काम होगा। प्रसाद ने बताया कि जिन जिलों में कोरोना के मामले अब तक नहीं आये हैं, वहां जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों से कहा गया है कि वे लगातार निगरानी करें और अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखायी दे तो उसे तत्काल पृथक इकाई में लाया जाए। साथ ही कोरोना वायरस से बचाव के तरीकों का व्यापक प्रचार—प्रसार करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण की जांच के लिये आठ लैब काम कर रही हैं। आज आईसीएमआर के साथ चर्चा हुई जिसमें हमने अनुरोध किया है कि झांसी, प्रयागराज और लखनऊ के राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट में बनी प्रयोगशालाओं को भी अधिकृत किया जाए।

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