नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर देशभर में पूर्ण लॉकडाउन किया गया है। ऐसे में रेल और हवाई यात्रा सेवाओं को 3 मई के बाद भी चालू नहीं करने का विचार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि रेल और हवाई सेवाएं 3 मई के बाद भी शुरू नहीं होंगी। कई राज्यों में गंभीर मोड़ लेती लाखों प्रवासी मजदूरों की समस्या को लेकर केंद्र सरकार एकाएक जाग सी गई है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल समूह (जीओएम) की उच्चस्तरीय बैठक हुई। बैठक के बाद राजनाथ ने कहा, ''हमने लोगों को आ रही दिक्कतों को कम करने के तरीकों और उन्हें राहत देने के लिए विभिन्न मंत्रालयों की भूमिका पर मंथन किया।''
वहीं, एनडीटीवी में छपी एक रिपोर्ट में सूत्रों का हवाला देते हुए बताया गया है कि इस बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय की राय पर ही अंतिम निर्णय होगा। सूत्रों ने कहा कि दरअसल, जीओएम फिलहाल यात्री गाड़ियां शुरू करने के पक्ष में नहीं है क्योंकि उनका मानना है कि रेल गाड़ियों में सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन संभव नहीं। सूत्रों ने बताया कि सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया तथा अन्य निजी एयरलाइंस को 3 मई के बाद बुकिंग न करने को कहा गया है।
जीओेएम की बैठक के बाद हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका कि क्या कदम उठाए जा रहे हैं. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय जल्द ही नये दिशानिर्देश जारी कर सकता है. इन दिशानिर्देशों में स्वरोजगार और अन्य किस्म के मजदूरों के परिवहन को लेकर स्पष्टता हो सकती है. चूंकि अंतर-जिला और अंतर-राज्य मूवमेंट फिलहाल बंद है इसलिए लोगों को मौजूदा जगह से दूसरे राज्य में स्थित उनके गंतव्य तक सीधे पहुंचाने की व्यवस्था पर खुलासा हो सकता है. राजस्थान जैसा करें केंद्र की राय में अन्य राज्यों को भी राजस्थान जैसा करना चाहिए. उल्लेखनीय है कि राजस्थान और उत्तरप्रदेश सरकार के बीच सहमति के कारण कोटा से छात्रों के लिए विशेष चार्टर्ड बसें चलाई गई हैं.
राहत बगैर मुश्किल केंद्र की मुख्य चिंता यह है कि बिना यात्री परिवहन की इजाजत दिए 20 अप्रैल से खुल रहे बंदरगाहों, कार्गो ऑपरेशन, सड़क निर्माण कार्य और खदानों के लिए मजदूर कैसे मुहैया कराए जा सकेंगे. 20 अप्रैल के बाद कारपेंटर, प्लम्बर जैसे स्वरोजगार वाले लोगों को दिक्कत न हो इस बात का भी नये दिशानिर्देश में ध्यान रखा जाना है. प्रवासी मजदूरों की जानकारी मांगी केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने सभी राज्यों से उनके यहां फंसे प्रवासी मजदूरों की जानकारी भेजने को कहा है. ताकि अगर वह मजदूर घर लौटना चाहते हों तो नये दिशानिर्देशों में उसकी व्यवस्था को शामिल किया जा सके.
राजस्थान, केरल, तमिलनाडु सहित अनेक राज्य इस काम में जुट चुके हैं. वेतन संबंधी समस्या के निपटारे के लिए श्रम मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों में 20 कंट्रोल रुम स्थापित किए हैं. मजदूरों की एक ही मांग कंट्रोल रुम पर अधिकांश कॉल्स में प्रवासी मजदूरों ने घर लौटने की ही इच्छा जताई है. अपने घर-परिवार को लौटने की उनकी इच्छा दिनोंदिन मजबूत होती जा रही है. वह काम पर लौटना नहीं चाहते और बैचेन हो रहे हैं. वह चाहते हैं कि 3 मई के बाद तो उनके घर लौटने का इंतजाम कर ही दिया जाए.
सरकार की चिंता केंद्र सरकार की चिंता यह है कि बिहार, उत्तरप्रदेश और झारखंड के लाखों मजदूरों को वापस घर भेजने के लिए ट्रेनों का इंतजाम कैसे किया जाए. कोविड-19 के प्रसार से अब तक अप्रभावित यह मजदूर 25 दिनों से अटके हुए हैं. जीओएम की यह पांचवीं बैठक है.
वहीं, नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को कहा कि एयरलाइनों को सलाह दी जाती है कि वे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ान सेवाएं शुरू करने पर सरकार के फैसला लेने के बाद ही टिकटों की बुकिंग शुरू करें। पुरी ने ट्वीट किया, ‘‘नागर विमानन मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि घरेलू या अंतरराष्ट्रीय परिचालन शुरू करने के लिये अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एयरलाइनों को सलाह दी जाती है कि इस बारे में सरकार द्वारा कोई फैसला किये जाने के बाद ही वे अपनी बुकिंग शुरू करें।’’