कोरोना संकटः गुजरात चाहता है ट्रेन, महाराष्ट्र ने की मुंबई के लिए लोकल की मांग, मजदूरों की समस्याओं से जूझने लगे राज्य
By संतोष ठाकुर | Published: May 20, 2020 07:02 AM2020-05-20T07:02:51+5:302020-05-20T07:02:51+5:30
महाराष्ट्र ने कहा है कि मुंबई बिना लोकल ट्रेन के अधूरी है. ऐसे में केंद्र सरकार उसे नियमों के साथ ही ट्रेन चलाने की इजाजत दे. कई राज्यों से मजदूर वापस गुजरात अपने काम पर वापस आना चाहते हैं.
नई दिल्ली: रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के परिचालन के लिए राज्य की संस्तुति या मंजूरी के नियम में बदलाव किया है और कहा है कि जिस राज्य में ट्रेन खत्म होगी उस राज्य की संस्तुति की जरूरत नए नियमों के तहत नहीं होगी. इसको लेकर हालांकि कई अनुत्तरित प्रश्न हैं. लेकिन इसके साथ ही रेलवे की समस्या को गुजरात और महाराष्ट्र बढ़ाते दिख रहे हैं. गुजरात ने जहां कहा है कि उसके यहां इंडस्ट्री शुरू हो रही है. ऐसे में उसे मजदूरों की जरूरत होगी, जिसके लिए अन्य राज्यों से गुजरात के लिए ट्रेन चलाने की जरूरत है. कई राज्यों से मजदूर वापस गुजरात अपने काम पर वापस आना चाहते हैं.
वहीं, महाराष्ट्र ने कहा है कि मुंबई बिना लोकल ट्रेन के अधूरी है. ऐसे में केंद्र सरकार उसे नियमों के साथ ही ट्रेन चलाने की इजाजत दे. इधर, दिल्ली सरकार ने भी कहा है कि कम से कम सरकारी कर्मचारियों के लिए ही सही केंद्र सरकार को दिल्ली में मेट्रो ट्रेन चलाने की इजाजत देनी चाहिए. मेट्रो ट्रेन सरकारी कर्मचारियों, आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों और मीडियाकर्मियों के आवागमन के लिए काफी महत्वपूर्ण है. रेलवे ने इन सभी मांगों पर कहा है कि यह निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय को करना है. रेलवे केवल एक यातायात कंपनी है. उसका कार्य रेल चलाना है. वहीं, निर्णय का अधिकार केवल गृह मंत्रालय के पास है.
मजदूरों की कमी से बड़ी समस्या
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गुजरात ने कहा है कि उसके यहां पर इंडस्ट्री बड़े स्तर पर शुरू होने वाली है. वहीं, दूसरी ओर राज्य में ऐसे कर्मचारी बहुत ही सीमित संख्या में हैं जो फैक्टरी या कारखानों में मजदूर की नौकरी करें. ऐसे में केंद्र सरकार को आने वाले समय में अन्य राज्यों से गुजरात के लिए ट्रेन चलानी ही पड़ेगी. यह कार्य जितना जल्दी किया जाए उतना अच्छा है. इससे हमारी फैक्टरी और कारखानें तेजी से शुरू हो पाएंगे. इससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी. साथ ही मजदूरों को जहां रोजगार हासिल होगा तो वहीं देश में अर्थव्यवस्था को एक तीव्रता हासिल होगी. गुजरात टैक्स देने में अन्य राज्यों से आगे है. साथ ही यहां पर कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी बेहतर रही है. केंद्र सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.
मुंबई और दिल्ली में जरूरतें एक जैसी
दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र से कहा है कि उसे मुंबई में लोकल ट्रेन चलाने की इजाजत दी जाए. उसे अपने कर्मचारियों और आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों के साथ ही मीडिया व अन्य जरूरी संस्थानों के लोगों के आवागमन के लिए लोकल ट्रेन की जरूरत है. अगर रेलवे चाहे तो इसके लिए नियमों को लागू कर सकता है. साथ ही वह रेलवे स्टेशनों पर निगरानी के लिए राज्य पुलिस के जवानों के साथ ही अर्धसैनिक बल को तैनात करने का भी निर्णय कर सकता है.
मुंबई की तरह ही दिल्ली ने भी केंद्र सरकार से कहा है कि उसे दिल्ली में मेट्रो ट्रेन चलाने की इजाजत दी जाए. सरकारी कर्मचारियों, चाहे वह केंद्र सरकार के हैं या दिल्ली सरकार के, उनके आवागमन के लिए मेट्रो की काफी जरूरत है. बड़े स्तर पर सरकारी कर्मचारी मेट्रो रेल का उपयोग करते हैं. मंत्रालयों में उपस्थिति काफी कम है. एक बार मेट्रो के शुरू हो जाने से यहां पर कर्मचारियों की समस्या खत्म हो जाएगी. इसके साथ ही आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों के आवागमन के लिए भी मेट्रो काफी सहायक रहेगी. साथ ही मीडिया से जुड़े लोगों को भी विभिन्न जगहों पर पहुंचने में इससे आसानी होगी.