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चीन से पलायन करती विदेशी कंपनियों पर पीएम नरेंद्र मोदी की नजर, बीजेपी शासित राज्य बदल रहे कड़े श्रम कानूनों को

By हरीश गुप्ता | Updated: May 8, 2020 08:55 IST

कोरोना वायरस प्रकरण के कारण चीन से कई कंपनियां बाहर निकलना चाहती हैं। ऐसे में भारत ने भी इन कंपनियों को आकर्षित करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी भी इस कोशिश में जुट गए हैं कि कंपनियां भारत की ओर आकर्षित हों।

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ठळक मुद्दे कोविड-19 महामारी के कारण चीन से कई बड़ी कंपनियों का मोहभंगप्रधानमंत्री मोदी कंपनियों के लिए जमीन को उपलब्ध कराने को लेकर एक्टिव, श्रम कानूनों में भी ढील के संकेत

चीन से पलायन करती विदेशी कंपनियों को भारत की ओर आकर्षित करने की योजना पर प्रधाननंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। कोविड-19 महामारी के कारण चीन से बड़ी कंपनियों के मोहभंग के इस सुनहरे मौके को मोदी गंवाना नहीं चाहते। वह भारत में मैन्युफेक्चरिंग हब की राह में हर रोड़े को हटाने में जुट गए हैं। मोदी की कोशिश है कि अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और यूरोप की कंपनियां बिना वक्स गंवाएं भारत आकर उत्पादन यूनिट्स स्थापित करें।

प्रधानमंत्री की नजर दो सबसे बड़ी बाधाओं पर हैं। पहली बाधा जमीन की उपलब्धि और दूसरी विदेश कंपनियों के भारत से परहेज की वजह बनने वाले कड़े श्रम कानून। प्राप्त जानकारी के अनुसार मोदी ने सभी सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों (पीएसयू) से कहा है कि उनके पास उपलब्ध अतिरिक्त जमीन की जानकारी दें। साथ ही भाजपा शासित राज्यों को श्रम कानूनों में संशोधन के निर्देश दे दिए गए हैं।

एमपी, यूपी तो तैयार: भाजपा शासित मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में श्रम कानूनों में कई बदलाव करते हुए राज्य में मौजूद कंपनियों को 'हायर एंडर फायर' नीति की भी अनुमति दी है। मध्य प्रदेश ने बुधवार रात ही यह बदलाव किया है जबकि उत्तर प्रदेश ने तो श्रम कानूनों को तीन साल के लिए स्थगित कर दिया है।

1000 दिन की रियायत: उद्योगों को यह रियायतें 1000 दिनों तक उपलब्ध रहेंगी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक भाजपा संगठन अन्य राज्यों को भी इस सुनहरे मौके को भुनाने के लिए तैयार कर रहा है। इसके तहत सारी बाधाओं को दूर कर विदेश कंपनियों के भारत में आसानी से आने का रास्ता साफ किया जाएगा। भारत ने इससे पहले 2018-19 में अमेरिका-चीन के बीच व्यापार युद्ध के दौरान एक सुनहरा मौका गंवा दिया था। उस समय बड़ी संख्या में कंपनियों ने दूसरे देशों का रुख किया था।

जावडेकर को निर्देश: पीएम मोदी ने सूचना-प्रसारण व पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर को 200 पीएसयू व अन्य संस्थानों के पास मौजूद अतिरिक्त जमीन की जानकारी हासिल करने के निर्देश दिए थे। उल्लेखनीय है कि जावडेकर के पास इस वक्त भारी उद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी है। उन्होंने 4.61 लाख हेक्टेयर की अतिरिक्त जमीन की जानकारी मोदी को उपलब्ध कराई है। यह जमीन भूमि अधिग्रहण की बिना किसी कानूनी अड़चन के विदेशी कंपनियों को सौंपी जा सकती है।

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