कोरोना: बिहार में बाहर से आने वाले लोगों को सीमा पर रोका, आईसोलेशन सेंटर में रखकर की जा रही है जांच
By एस पी सिन्हा | Published: March 29, 2020 06:18 PM2020-03-29T18:18:59+5:302020-03-29T18:18:59+5:30
पटना: दिल्ली से 33 बसों से भेजे गए बिहार के लोगों की जांच के बिना बिहार में किसी हाल में एंट्री पर रोक लगा दी है और बिहार की सीमाओं को सील कर दिया गया है. सीमाओं पर राहत कैंप बनाए गए हैं, जिनमें लोगों के ठहरने, खाने-पीने और चिकित्सा की पूरी व्यवस्था की गई है. इन सभी लोगों की जांच के बाद रिपोर्ट आने के बाद ही उन्हें घर भेजा जा सकेगा. बिहार में प्रवेश कर रहे सैकड़ों मजदूरों को विभिन्न जिलों के सीमा पर स्थित राहत शिविरों में रखा गया है. ये मजदूर हंगामा करने लगे, जिसकी सूचना मिलते ही एसपी दलबल के साथ वहां पहुंचे और लोगों को समझाया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार सीवान के सरैया स्थित आरबीटी विद्यालय में बने अस्थाई कैंप में बिजली, पानी व दवाईयां नहीं मिलने से भडके लोगों ने रविवार को जमकर हंगामा किया. इस दौरान लोगों ने कहा कि कोरोना से संक्रमित नहीं होने के बावजूद उन्हें राहत कैंप में रखा गया है. जबकि गोपालगंज जिला प्रशासन द्वारा सभी लोगो को यूपी की सीमा से बसों में भर कर गोपालगंज जिला मुख्यालय में लाया गया है. जहां उन्हें पहले आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार यूपी से करीब 33 बसों से बिहार के लोगो को रवाना किया गया था. जिनमें से 8 बसें यूपी के कुशीनगर जिले में देर रात ही पहुंच गई थी. जहां से उन्हें परिवहन विभाग के बसों द्वारा जिला मुख्यालय लाकर आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है. राज्य सरकार द्वारा जिला प्रशासन को यह हिदायत दी गई है कि दिल्ली या अन्य राज्यों से आनेवाले लोगों को सीमा पर ही आपदा राहत शिविर में रखा जाए और उनकी पूरी तरह से जांच की जाए. इसे लेकर यूपी सीमा से सटे शिविरों में लोगों को रखा जा रहा है.
वहीं लोगों का कहना है कि इस हालत में बिना बीमारी के ही बीमार पड जाएंगे. कैंप में बिहार के सीवान समेत सीतामढी, मधुबनी, छपरा, वैशाली व दरभंगा के लोग हैं. कैंप में रहने वालों ने बताया कि कोरोना ही नहीं बल्कि कोई दूसरी बीमारी भी उन्हें नहीं है. यूपी सरकार ने इसकी जांच रास्ते में कई बार की. लोगों ने बताया कि गाजियाबाद, हापुड, बरेली, नोएडा, गुरुग्राम, हरियाणा व फरीदाबाद से आ रहे हैं. राहत कैंप में रह रहे लोगों ने बिजली, पानी व आवश्यक दवाईयों की कमी का हवाला देते हुए सरकार से सुरक्षित उनके घर पहुंचाने की मांग की.
बताया जाता है कि बाहर से आए बिहार में प्रवेश करने वालों को 14 दिनों कैंप में रखा जाएगा. जो लोग पैदल, साइकिल और जुगाड गाडी से भी अपने घर लौट रहे हैं, उन सभी लोगों को कैंप में भर्ती कराया जा रहा है. यहां बता दें कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है. जिसके बाद जिला और राज्य की सीमाओं को सील करने का निर्देश दिया गया है.
इधर, बिहार इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम के साथ स्वास्थ्य मंत्री मंगलपांडेय ने बैठक की है. जिसके बाद दूसरे राज्यों से आने वाले कामगारों को लेकर रणनीति बनाई जा रही है. कहा गया है कि बिहार के बॉर्डर पर ही सभी लोगों के लिए व्यवस्था होगी और इसके साथ ही देश- प्रदेश से आने वालों की स्क्रीनिंग होगी. वहीं, बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने भी कहा है कि लॉक डाउन का मतलब लॉक डाउन ही होता है. ऐसे में लोगों के बिहार पहुंचने का सिलसिला जारी रहना दुर्भाग्यपूर्ण है. जो यहां पहुंच रहे हैं उनके लिए हमलोगों ने तैयारी कर ली है. हमने हर जिले के लिए 3 से 5 हजार तक लोगों के रहने और ठहरने के साथ साथ खाने की व्यवस्था की है. जबकि बिहार के गृह सचिव आमिर सुबहानी ने कहा है कि कुछ लोग बसों से बिहार के बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं और कुछ रास्ते में हैं, हमने उनके लिए बॉर्डर पर ही ठहरने की व्यवस्था की है. उनका इलाज भी वहीं होगा. उन्होंने कहा कि हम लॉक डाउन को आखिरी तारीख तक सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं और इस दौरान बिहार में किसी को आने की इजाजत नहीं होगी.
वहीं बिहार में बाहर के राज्यों से आए और विदेश से आनेवाले बिहारियों की स्क्रीनिंग शुरू हो चुकी है. 18 से 23 मार्च तक बिहार में बाहर से आनेवाले लोगो की स्क्रीनिंग शुरु हो गई है. इस बीच बिहार और यूपी बॉर्डर में लोगों का भारी जमावडा लगा हुआ है. कैमूर से लेकर बक्सर तक लोगों की भारी भीड देखी जा रही है. जिला प्रशासन की टीम मौके पर तैनात है. यहां बता दें कि यूपी सरकार ने बसों से दिल्ली और एनसीआर में रह रहे लोगों को बिहार पहुंचाने की बात कही थी, जिसका बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल विरोध किया था और कहा था कि इस तरह प्रधानमंत्री के पूरे देश में लॉकडाउन के आग्रह की अ्नदेखी होगी. नीतीश कुमार ने कहा था कि लॉकडाउन से ही हम लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा सकते हैं. इसीलिए लॉकडाउन का पालन अनिवार्य है.