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झारखंड में तकनीक से लैस तीसरी लहर के लिए तैयार हो रहे कोरोना योद्धा

By भाषा | Updated: July 2, 2021 00:47 IST

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रांची, एक जुलाई झारखंड सरकार कोरोना वायरस महामारी की तीसरी संभावित लहर से लड़ने के लिए नयी तकनीक की जानकारी से युक्त प्रशिक्षित कोरोना योद्धाओं को तैयार कर रही है।

राज्य सरकार के एक अधिकारी ने आज विज्ञप्ति जारी कर बताया कि राज्य सरकार का मानना है कि प्रशिक्षण में नई तकनीक और तरीक़ों के बारे में स्वास्थ्य कर्मियों को जानकारी दी जाये, क्योंकि कोरोना से लड़ना है तो जानकारी, तकनीक और नये तरीके जानना जरुरी है ताकि लोगों को कोरोना से बचाया जा सके।

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों की कमी को दूर करने के लिए इस पाठ्यक्रम को स्वास्थ्यकर्मियों को आधुनिक तकनीक के साथ प्रशिक्षित करने के लिए डिजाइन किया गया है ताकि कुशल या समर्पित स्वास्थ्यकर्मी कोरोना महामारी या किसी अन्य संक्रामक बीमारी के प्रबंधन में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग कर सकें। इस प्रशिक्षण में सारी बारीकियों से स्वास्थ्यकर्मियों को अवगत कराया जा रहा है और स्वास्थ्यकर्मी कोरोना के खिलाफ जंग के लिए खुद को तैयार कर रहें हैं।

उन्होंने बताया, “स्वास्थ्यकर्मियों के लिए महामारी विज्ञान पर इस आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का विषय बहुत ही गहन है। स्वास्थ्यकर्मियों को बीमारियों की निगरानी और पहचान से अवगत कराया जा रहा है। घर-घर सर्वेक्षण, कोरोना अनुरूप व्यवहार, जैव चिकित्सा, अपशिष्ट प्रबंधन के साथ-साथ संक्रमण नियंत्रण पर भी जानकारी दी जा रही है। ’’

उदाहरण के तौर पर पाकुड़ निवासी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर रश्मि टोप्पो कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से जंग और ग्रामीणों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सुरक्षा कवच के रूप में खुद को तैयार कर रही हैं। रश्मि कहती हैं कि तीसरी लहर से ग्रामीणों को सुरक्षित रखने के लक्ष्य को पूरा करना हमारा संकल्प है तथा संकटकाल में मानव सेवा से बढकर और कुछ नहीं।

सिमडेगा स्थित बानो की ए॰एन॰एम अंजना उरावं समेत करीब 90 महिलाएं भी खुद को कोरोना योद्धा के रूप में तैयार करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं है।

झारखण्ड सरकार और एचडीएफसी बैंक ‘परिवर्तन’ की पहल पर यह प्रशिक्षण स्वास्थ्य कर्मियों, सहिया दीदी, आशा दीदी को दिया जा रहा है। ये सभी झारखंड के दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवा बहाल रखने के लिए काम कर रहे हैं। नर्सिंग कौशल कॉलेज चान्हो, गुमला एवं चाईबासा में 15 दिवसीय इस आवासीय प्रशिक्षण में 90 प्रशिक्षुओं को भारतीय सैन्य सेवा के सेवानिवृत्त चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में एनाटॉमी, संक्रमण नियंत्रण, महामारी विज्ञान, टीकाकरण, ऑक्सीजन प्रशासन, इंजेक्शन, कीटाणुशोधन, नर्सिंग प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी, प्राथमिक चिकित्सा, फिजियोथेरेपी से जुड़ी जानकारी भी दी जा रही है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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