केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने राज्य सरकारों से कहा है कि दूसरे राज्यों से लौटने वाले मजदूरों की डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग में सर्विसलांस फोर सेवर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (सारी ) और इनफ्लूंजा लाइक इलनेस (इआईएलआई) टेस्ट जांच जरूर कराएं। यह टेस्ट संक्रमण संभावित जिलों के अलावा ग्रीन जोन में भी किए जाएं। जिला अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले मरीजों के अलावा जिले में कम से कम 250 लोगों की यह जांच होनी चाहिए।
राज्यों को इससे अपने यहां कोरोना संक्रमण के सही तथ्यों की जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि देश को कोरोना मुक्त बनाने के लिए यह जरूरी है कि जिन जोन में कोरोना संक्रमण नहीं हैं वहां पूरी सावधानी बरती जाए और जहां कोरोना संक्रमण है, वहां लोगों को उचित जांच और उपचार दिया जाए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने गुरूवार को उत्तर प्रदेश और ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम कोविड-19 के हालातों पर उच्च स्तरीय बैठक की। जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे और स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधकारी मौजूद थे। स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने कहा कि अच्छी खबर यह है कि देश में कोरोना रिकवरी रेट बढ़ रहा है।
अब तक 28.8 फीसदी लोग कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर घर लौट चुके हैं। अस्पतालों में भर्ती सभी कोरोना रोगी तेजी से रिकवर हो रहे हैं यह एक अच्छी खबर है। जिससे आने वाले दिनों में रिकवरी रेट बढेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से अभी तक सभी राज्यों को 62.77 लाख एन-95 मास्क और 29.6 लाख पीपीई किट भेजी जा चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि देश में रोजाना 95 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं। अभी तक देश में 1397442 टेस्ट किए जा चुके हैं। कोरोना पॉजिटिव रोगियों में 1.1 फीसदी को ही वेंटीलेटर, 3.3 फीसदी को ऑक्सीजन और 4.8 को आईसीयू बैड की जरूरत है। बाकी रोगियों को इसकी जरूरत नहीं है।
क्या है सारी, आईएलआई और जांच का मकसद :
सारी : ऐसे रोगी जो 7 दिनों से बुखार में हैं और शरीर का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा है और रात में बुखार चढता है। उनका कोरोना टेस्ट होगा।
आईएलआई : इनफ्लूंजा बुखार से कोई 10 दिनों से पीडित है और उसे खांसी व कफ बना हुआ है तो ऐसे रोगी की जांच भी आवश्यक है।
मकसद: डा. हर्षवर्द्धन ने कहा कि इन टेस्ट का उद्देश्य अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले रोगियों के अलावा देश के 733 जिलों में कोरोना रोगियों की स्क्रीनिंग कर उन्हें ट्रीटमेंट देना है। देश में इस समय 130 रेड जोन, 284 ओरेंज और 319 ग्रीन जोन हैं। रेड जोन और ओरेंज जोन में तो स्क्रीनिंग चल रही है।
लेकिन ग्रीन जोन में किसी भी तरह का रिस्क हम उठाना नहीं चाहते। इसलिए कोरोना मुक्त हुए ग्रीन जोन में भी कम से कम 250 लोगों की सारी और आईएलआई जांच का लक्ष्य राज्यों को दिया गया है। जिससे संक्रमित लोगों को उपचार देकर संक्रमण की चेन को तोडकर उसे ख्त्म करने में मदद मिलेगी।